Ocean: नमस्कार दोस्तों आपका हमारी वेबसाइट पर स्वागत है , हमारे तेज-तर्रार वायरलेस इंटरनेट के बावजूद, इंटरनेट की दुनिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा समुद्र की गहराइयों में छुपा होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि समुद्र में बिछाए गए 15 लाख किलोमीटर लंबें तार ही दुनिया भर में इंटरनेट की पहुंच को संभव बनाते हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि इन तारों को समुद्र में क्यों बिछाया जाता है और इसके पीछे की तकनीकी और ऐतिहासिक वजहें क्या हैं।
समुद्र और इंटरनेट का रिश्ता
दुनिया भर में इंटरनेट की सुविधा को बनाए रखने के लिए समुद्र की गहराइयों में लाखों किलोमीटर लंबे तार बिछाए गए हैं। लेकिन सवाल उठता है कि ये तार समुद्र में ही क्यों बिछाए जाते हैं और क्या पानी का इन पर कोई असर नहीं होता?
इतिहास की एक झलक
समुद्र में बिछाए गए तारों को सबमरीन फाइबर ऑप्टिक केबल्स कहा जाता है। इनका इतिहास लगभग 1850 के आसपास का है, जब पहली बार फ्रांस और इंग्लैंड के बीच एक तार बिछाया गया था। इसके बाद, लंदन और उत्तरी अमेरिका के बीच पहला ट्रांस-अटलांटिक टेलीग्राफ केबल बिछाया गया, जिसने 10 घंटों में 143 शब्दों को ट्रांसमिट किया। यह एक क्रांतिकारी कदम था जिसने वैश्विक संचार के युग की शुरुआत की।
सबमरीन ऑप्टिक फाइबर के लाभ
सबमरीन ऑप्टिक फाइबर तारें सिलिका ग्लास के फाइबर से बनी होती हैं और इनमें कई लेयर्स होती हैं जो इन्हें मजबूती और स्थायित्व प्रदान करती हैं। ये तारें हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाली ऑप्टिक फाइबर से कहीं अधिक सक्षम होती हैं, क्योंकि ये एक बार में विशाल मात्रा में डेटा ट्रांसफर कर सकती हैं। इस प्रकार, ये तार इंटरनेट की गति और गुणवत्ता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पानी से सुरक्षा
समुद्र में बिछाए गए इन तारों को पानी से बचाने के लिए उनपर कई लेयर्स की प्लास्टिक और रबड़ की इंसुलेशन की जाती है। इसके अलावा, इन तारों को दोनों सिरों से 20,000 वाट बिजली की पावर प्रदान की जाती है, जो इन्हें सही तरीके से काम करने में मदद करती है। यह पावर सप्लाई नेटवर्क की लगातार और स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होती है।