Old Gurugram Metro Route : बीते कुछ समय में गुरुग्राम में मेट्रो की कनेक्टिविटी को लेकर कई प्रयास किए गए हैं और अब जल्द ही ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो का काम अब रफ्तार पकड़ने वाला है। इन मेट्रो रूट (Gurugram Metro Updates ) के निर्माण के लिए दिन रात काम किया जाने वाला है और इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी का सहूलियत भी दी जाने वाली है।
गुरुग्राम में मेट्रो कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक नया प्लान तैयार कर लिया है। अब ओल्ड गुरुग्राम में प्रगति कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। प्रदेश में अब मेट्रो रूट (Old Gurugram Metro Route) का निर्माण का कार्य रफ्तार पकड़ने वाला है। इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी दिन रात काम में जुट जाएंगे। ऐस में आइए खबर मे जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
बनाए जा रहे अस्थायी आवास
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो (Old Gurugram Metro) को बनाने में अगले महीने 15 नवंबर के बाद तेजी आ सकती है और इस दौरान दिन-रात काम चलेगा। ऐसे में तकरीबन 1200 अधिकारी और कर्मचारी काम करने वाले हैं। इनके रहने का इंतजाम सेक्टर-33 मौजुद कास्टिंग यार्ड में हो रहा है। तकरीबन सात एकड़ में अस्थायी आवास भी बनाए जा र हे हैं।
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट पर आएगी इतनी लागत
बात करें लागत की तो गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (Gurugram Metro Rail Limited) ने 1277 करोड़ रुपये में ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण का काम अलोट कर दिया गया है। इसके तहत कास्टिंग यार्ड को बनाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (Haryana Urban Development Authority) ने जीएमआरएल को तकरीबन 25 एकड़ जमीन सेक्टर-33 मौजुद ट्रांसपोर्ट नगर में सौंप दी गई है। मेट्रो निर्मित कंपनी नी ने इस जगह पर अपना कार्यालय बना दिया है।
अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों (Facilities provided to officers )के लिए दो मंजिला आवास बनाने का काम भी शुरू हो गया है। इसे अगले 15 से 20 दिन के अंदर पूरा करने का मकसद रखा गया है। कर्मचारियों के खाने-पीने के लिए कैंटीन भी बनाई गई है। बताया जा रहा हे कि आवास और कैंटीन के निर्माण के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को खाने-पीने और रहने की कोई परेशानी नहीं होगी और इससे निर्माण की रफ्तार में तेजी आएगी।
जल्द पूरा होगी पाइल टेस्टिंग का प्रोसेस
दरअसल, आपको बता दें कि मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से लेकर सुभाष चौक तक मुख्य सड़क के डिवाइडर में मेट्रो बनाने के लिए 10 जगह पर पाइल टेस्ट हो रहा है। मशीन से पाइल की खुदाई की जा रही है और उसके साथ ही उसके ऊपर भू तकनीकी रिपोर्ट (geotechnical report) के आधार पर जोर दिया जा रहा है।
अब तक मिट्टी और पानी के लिए गए नमूनों की रिपोर्ट के बेस पर पाइल टेस्टिंग की रिपोर्ट (Pile Testing Report) काफी बेहतर रही है। यह काम 15 दिन तक ओर चलने वाला है और इसके बाद मेट्रो निर्माण के लिए पाइल डालने का काम भी जल्द ही शुरु कर दिया जाएगा।
जाम के निजात से मिलेगा छूटकारा
मिलेनियम सिटी सेंटर (Millennium City Center) से लेकर सुभाष चौक तक कई जगहों पर जीएमआरएल ने पाइल टेस्टिंग के लिए एक-एक लेन को बंद कर दिया है और उस जगह पर बेरीकेडिंग कर दी है। सेक्टर-44 के पास हुई बैरिकेडिंग के कारण सिग्नेचर टावर की ओर यू-टर्न भी अब बंद हो गया है। इसकी वजह से लोगों को कन्हेई तिराहे से वाहनों को यू-टर्न लेना पड़ रहा है। इस कारण वश अंडरपास तक ट्रैफिक जाम हो रहा है और लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे में फैसला हुआ है कि जीएमडीए ऑफिस के सामने मेट्रो के अंतिम पिलर (last pillar of the metro) के पास नया यू-टर्न बनाया जाए।
सर्विस रोड का होगा निर्माण
वैसे तो अभी तक मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन (Millennium City Centre Metro Station) से लेकर सुभाष चौक तक कई ऐसी जगहें हैं, जहां कोई सर्विस रोड नहीं है, लेकिन अब सर्विस रोड को बनाने का काम अगले 10 से 15 दिन के अंदर जीएमआरएल की तरफ से कर दिया जाएगा। ये काम पूरा होने के साथ-साथ सुभाष चौक से हीरो होंडा चौक तक इस तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी, इसको लेकर सड़क को चौड़ा करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा।
सर्विस रोड की दृश्यता होगी कम
इस दौरान मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन (Millennium City Centre Metro Station) से सुभाष चौक तक तकरीबन 6 किमी लंबी सर्विस रोड को वाहनों के लिए ओपन कर दिया जाएगा। हालांकि अभी फिलहाल तो साइकिल ट्रैक को लेकर इस सर्विस रोड को बंद किया गया था।
बैठक के बाद जीएमआरएल अधिकारियों ने जीएमडीए की पर्यावरण शाखा के अधिकारियों से इस मामले को लेकर बातचीत की है। उन्होंने यह आग्रह किया कि पेड़ों की टहनियां सर्विस रोड (Thaniyan Service Road) पर काफी नीचे तक लटकी हुई हैं। इस वजह से सर्विस रोड की दृश्यता काफी कम है।
मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर सीईओ ने की बैठक
जीएमडीए के सीईओ ने मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) को लेकर बैठक की, जिसमे ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त डॉ. राजेश मोहन के साथ ही जीएमडीए और जीएमआरएल के अधिकारी भी शामिल रहे हैं और इस दौरान निर्देश दिए कि मेट्रो निर्माण के दौरान लोगों को आने जाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। जीएमआरएल के अधिकारी ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से वाहनों की विड्रा की बेहतर योजनाएं बनाने वाले हैं। जीएमआरएल के अधिकारियों ने निर्माण के दौरान जो परेशानी हो रही है, उनके बारे में सीईओ को बताया।
किया गया मेट्रो रूट प्रोजेक्ट का इन्सपेक्शन
कुछ दिन पहले ही पुलिस उपायुक्त, यातायात ने मिलेनियम सिटी सेंटर (Millennium City Center) से लेकर सुभाष चौक तक मेट्रो रूट प्रोजेक्ट का इन्सपेक्शन किया है। उनके साथ ही सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात निरीक्षक आदि भी इस दौरान मौजुद रहे हैं। मेट्रो बनाने के दौरान वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं होगी। इसको लेकर उन्होंने पुलिस कर्मियों को गाइडेंस जारी किए हैं। उनका कहना है कि सड़क पर यातायात से जुड़े गाइडलाइंस के सूचना पट्ट लगाए जाएं।
