नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम ही चाहिए। उनका मानना है कि अगर एनपीएस में ओपीएस वाले सारे फायदे मिल रहे हैं तो नाम से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने एक ऐसा फार्मूला सुझाया है जिसमें एनपीएस को ओपीएस में बदलकर केंद्र सरकार हर साल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व की वापसी कर सकती है।
OPS VS NPS: नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम ही चाहिए। उनका मानना है कि अगर एनपीएस में ओपीएस वाले सारे फायदे मिल रहे हैं तो नाम से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने एक ऐसा फार्मूला सुझाया है जिसमें एनपीएस को ओपीएस में बदलकर केंद्र सरकार हर साल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व की वापसी कर सकती है।
पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस)
जीपीएफ के रूप में मिनिमम 7% अंशदान
सेवानिवृत्ति पर अंतिम सेलरी का 50% पेंशन
डीए और पे कमीशन का लाभ
नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस)
10% सीपीएफ अंशदान
सरकार का 14% अंशदान
निवेश एलआईसी, यूटीआई और एसबीआई शेयर मार्केट में
कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू करने के आदेश जारी किए हैं, जैसे कि हिमाचल, झारखंड, राजस्थान आदि। वहीं, सिक्किम, नागालैंड, पंजाब ने इस मसले पर कमेटियां गठित की हैं। केंद्र सरकार ने भी पिछले वर्ष 2023 के अप्रैल में एनपीएस को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
इस बीच यह बहस भी छिड़ी है कि पुरानी पेंशन देश की अर्थव्यवस्था पर भार साबित होगी और यह राज्यों को दिवालिया बनाएगी। नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के अनुसार, नई और पुरानी पेंशन व्यवस्था में मूलभूत अंतर को समझना आवश्यक है ताकि एक संतुलित और न्यायसंगत पेंशन प्रणाली बनाई जा सके।
इस प्रकार, पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सरकारी कर्मचारी संगठनों और केंद्र सरकार के बीच तनाव बना हुआ है। इसका समाधान जल्द ही निकाला जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।