Paid Holiday: लुधियाना-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 19 जून 2025 को होने जा रहे उपचुनाव के मद्देनजर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. मतदान के दिन क्षेत्र में कार्यरत या पंजीकृत सभी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का आदेश जारी किया गया है, जिससे वे अपने मतदान के अधिकार का उपयोग निर्बाध रूप से कर सकें.
औद्योगिक व निजी संस्थानों पर भी लागू होगा आदेश
यह आदेश सभी औद्योगिक प्रतिष्ठानों, व्यवसायों, दुकानों और निजी संस्थानों पर समान रूप से लागू होगा. चाहे वह कोई छोटा व्यापारी हो, कारखाना मालिक हो या कोई बड़ा कॉरपोरेट ऑफिस, सभी को 19 जून को अपने कर्मचारियों को मतदान के लिए सवेतन अवकाश देना होगा.
शिफ्ट व कॉल सेंटर जैसे कामों में लगे कर्मचारी भी शामिल
जिन संस्थानों में शिफ्ट प्रणाली में काम होता है. जैसे फैक्ट्रियों या कॉल सेंटर्स, उनके कर्मचारी भी इस सवेतन अवकाश के दायरे में आएंगे. बशर्ते उनका नाम लुधियाना-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज हो. यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि श्रमिकों की लोकतांत्रिक भागीदारी में कोई बाधा न आए.
दूसरे शहरों में कार्यरत मतदाताओं को भी मिलेगा अवकाश
अगर कोई कर्मचारी लुधियाना-पश्चिम का निवासी है और वहीं पंजीकृत मतदाता है. लेकिन वह चंडीगढ़, अमृतसर या किसी अन्य शहर में कार्यरत है, तो उसे भी 19 जून को मतदान के लिए सवेतन अवकाश मिलेगा. यह कदम सुनिश्चित करता है कि स्थानांतरण या कार्यस्थल दूरी के कारण कोई नागरिक मतदान से वंचित न रहे.
दैनिक वेतनभोगी मजदूरों को भी मिलेगा लाभ
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश दिहाड़ी मजदूरी करने वाले श्रमिकों पर भी लागू होगा. यानी वे मजदूर जो रोजाना काम करके पारिश्रमिक प्राप्त करते हैं. उन्हें भी मतदान के लिए छुट्टी और वेतन दोनों मिलेगा. यह एक सशक्त सामाजिक और लोकतांत्रिक पहल मानी जा रही है.
मतदान अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में मजबूत कदम
यह निर्णय लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है. सरकार का मानना है कि हर नागरिक को वोट देने का अधिकार है और इसके लिए संस्थानों और नियोक्ताओं का सहयोग अनिवार्य है. मतदान का अधिकार केवल संवैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि नागरिक कर्तव्य भी है.
मतदान वाले दिन कोई नियोक्ता नहीं कर सकेगा बाध्य
सरकार ने साफ कहा है कि 19 जून को यदि कोई कर्मचारी संबंधित क्षेत्र का पंजीकृत मतदाता है, तो नियोक्ता उसे काम पर आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. यदि ऐसा किया जाता है, तो प्रशासन संबंधित संस्थान या व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.