Penalty For Spreading Dirt: स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारतीय रेलवे के कोटा मंडल ने स्टेशन परिसरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सख्त अभियान शुरू किया है. अप्रैल और मई 2025 के भीतर 398 यात्रियों पर गंदगी फैलाने के आरोप में कुल ₹79,600 का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों को स्वच्छता के महत्व और इसके फायदे भी समझाए गए.
दिल्ली-मुंबई रूट से जुड़ा है कोटा मंडल
कोटा मंडल के वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि यह मंडल दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त रूट से जुड़ा हुआ है, जिससे हजारों यात्री रोजाना आवाजाही करते हैं. ऐसे में उच्च स्तरीय सुविधा और स्वच्छता बनाए रखना रेलवे प्रशासन और यात्रियों, दोनों की जिम्मेदारी है.
गंदगी पर कार्रवाई के पीछे सख्त नीति
जैन ने बताया कि बार-बार चेतावनी और जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद कुछ यात्री लापरवाही से गंदगी फैलाते हैं, जैसे कि पीक थूकना, कूड़ा फेंकना या धूम्रपान करना. ऐसे मामलों में रेलवे अधिनियम के तहत सीधी कार्रवाई और जुर्माना वसूली की जा रही है.
आंकड़ों में जानिए स्वच्छता अभियान की सख्ती
कोटा मंडल के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल और मई 2025 में गंदगी फैलाने के कुल 398 मामलों में कार्रवाई की गई, जिसमें कुल ₹79,600 का जुर्माना वसूला गया. यह अभियान न केवल जुर्माना वसूलने तक सीमित है. बल्कि यात्रियों को स्वच्छता की अहमियत बताने का कार्य भी इसमें शामिल है.
यात्री करें सहयोग, तभी बनेगा स्वच्छ स्टेशन
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से स्टेशन परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ स्टेशन ही सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का आधार है. गंदगी फैलाना न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. बल्कि यह दूसरों के प्रति जिम्मेदारी का उल्लंघन भी है.
स्टेशन परिसर में जारी है विशेष निगरानी
स्वच्छता अभियान के तहत स्टेशन परिसर और ट्रेनों की नियमित सफाई की जा रही है. इसके साथ ही रेलवे सुरक्षा बल और वाणिज्य विभाग के अधिकारी स्टेशन पर गंदगी फैलाने वालों पर निगरानी रख रहे हैं. यात्रियों को जागरूक करने के लिए उद्घोषणाओं, पोस्टरों और डिजिटल डिस्प्ले का सहारा लिया जा रहा है.
गंदगी फैलाने वालों पर रहेगा सख्त रवैया
कोटा मंडल ने स्पष्ट किया है कि स्टेशन परिसर में पीक थूकने, खुले में कूड़ा फेंकने या किसी भी तरह की गंदगी फैलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे मामलों में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी और आने वाले महीनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा.
यात्रियों की प्रतिक्रिया और बदलाव का असर
इस मुहिम के बाद यात्रियों की धारणा में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है. स्टेशनों पर साफ-सफाई की व्यवस्था में सुधार हुआ है और लोग अब स्वेच्छा से स्वच्छता बनाए रखने में रुचि ले रहे हैं. यह अभियान अब केवल नियम नहीं बल्कि जनआंदोलन बनता जा रहा है.