Pension Update: दिल्ली सरकार पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिससे कई लोगों की पेंशन बंद हो सकती है। नए नियमों के तहत किन लोगों को फायदा मिलेगा और कौन इससे बाहर हो जाएगा? जानिए सरकार की नई गाइडलाइंस और पूरी जानकारी। नीचे जानें पूरी डिटेल।
भाजपा सरकार ने नई पेंशन शुरू करने और पेंशन राशि बढ़ाने के बाद अब सभी पेंशनों का सत्यापन कराने का फैसला किया है। सत्यापन पूरा होने के बाद पात्र पेंशन धारकों को विशेष पहचान पत्र (पेंशन कार्ड) भी जारी किए जाएंगे, जिसमें उनकी पेंशन से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी दर्ज होगी।
12 साल में एक बार भी नहीं हुआ पेंशन सत्यापन
दिल्ली में 2013 से अब तक पेंशन व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। बुजुर्ग, विधवा और विकलांग पेंशन पहले की दरों पर ही जारी हैं। नियमों के अनुसार, हर साल पेंशन का सत्यापन होना जरूरी है, लेकिन पिछले 12 सालों में यह प्रक्रिया एक बार भी नहीं हुई।
इस दौरान कई बुजुर्गों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी अपनी पेंशन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा विधवा और विकलांग श्रेणी में डेटा भी काफी बदल चुका है। ऐसे में सरकार ने अब सभी पेंशनों के सत्यापन को जरूरी कर दिया है, ताकि सही लाभार्थियों को ही योजना का फायदा मिले।
सत्यापन के बाद नई पेंशनों की प्रक्रिया होगी शुरू
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सत्यापन के बाद जो रिक्तियां बचेंगी, उन पर नई पेंशनों को मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा बुजुर्गों की पेंशन में बढ़ोतरी का लाभ भी सत्यापन के बाद ही दिया जाएगा।
नई पेंशन दरें इस प्रकार होंगी:
- 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों को 2000 रुपये की जगह 2500 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
- 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 2500 रुपये की जगह 3000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।
पेंशन प्रणाली को डिजिटल किया जाएगा
सत्यापन पूरा होने के बाद पूरी पेंशन प्रणाली को डिजिटल कर दिया जाएगा। इसके तहत—
सभी पेंशनधारकों को डिजिटल कार्ड जारी किए जाएंगे।
कार्ड पर लाभार्थी की जानकारी और पेंशन राशि की पूरी डिटेल होगी।
भविष्य में भी सत्यापन की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी।
गलत पेंशनों को किया जाएगा बंद, 50,000 नई पेंशनों को मंजूरी
समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्रराज सिंह ने कहा कि पिछले 12 सालों से दिल्ली में पेंशन सत्यापन नहीं हुआ था, जो हैरान करने वाला है। अब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गलत तरीके से जारी की गई सभी पेंशनों को रोका जाए और पात्र लोगों को ही इसका लाभ मिले।
इस साल के भीतर लगभग 50,000 नई पेंशनों को मंजूरी दी जाएगी। सत्यापन और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया पूरी होते ही नई पेंशन और बढ़ी हुई राशि का लाभ पेंशनधारकों को मिलना शुरू हो जाएगा।