नॉनवेज खाने वालो के लिए मछली खाना काफी ज्यादा पसंद होता है मछली सेहत के लिहाज से अच्छी मानी जाती है इसके साथ ही यह प्रोटीन और विटामिन D जैसे पोषक तत्वों से पूर्ण होती है। खासतौर से मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है जो आपके दिमाग के लिए अच्छा होता है इसके साथ ही इसमें प्रोटीन, आयोडीन, कई तरह के विटामिंस, मिनरल्स मौजूद होते है ऐसे में यदि आपको फैटी फिश जैसे सैल्मन, ट्राउट, टूना जैसी मछलियों में फैट-बेस्ड न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो बेहद ही हेल्दी होते हैं, तो आइए आज जान लेते है मछली खाने से शरीर को होने वाले लाजवाब फायदों के बारे में।
मछली हार्ट अटैक का रिस्क करे कम-
एक रिपोर्ट के मुताबिक मछली हार्ट अटैक और स्ट्रोक दुनिया में समय से पहले मौत के सबसे बड़े कारण है मछली दिल को हेल्दी रखती है इसके साथ ही हेल्दी खाद्य पदार्थों में से एक माना है जिसके सेवन करके आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते है इसके साथ ही रिपोर्ट में जानकारी मिली है जो लोग नियमित रूप से मछली का सेवन करते है उनमे दिल के दौरे, स्ट्रोक और हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम कम होता है।
मछली खाने से दिमाग रहता है स्वस्थ
बढ़ती उम्र के साथ ब्रेन मस्तिष्क की कार्यक्षमता अक्सर कम होने लगती है। कई अध्ययनों से ये पता चलता है कि जो लोग अधिक मछली खाते हैं, उनमें मानसिक गिरावट की दर धीमी होती है। यदि आप प्रत्येक सप्ताह मछली का सेवन करते हैं तो मस्तिष्क के उन हिस्सों में ग्रे मैटर अधिक होता है जो भावनाओं और स्मृति को नियंत्रित करता है।
डिप्रेशन से बचाए
आजकल ज्यादातर लोगों को डिप्रेशन की समस्या होती है। इसमें लो मूड, उदासी, ऊर्जा की कमी, जीवन के प्रति निराशा, जीने की इच्छा कम होना, गतिविधियों में रुचि ना लेना, अकेले रहना आदि लक्षण नजर आते हैं। जो लोग मछली को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, उनमें स्ट्रेस, डिप्रेशन आदि होने की संभावना काफी हद तक कम हो सकती है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के खिलाफ लड़ने का काम करता है।
ऑटोइम्यून डिजीज का रिस्क कम करे
टाइप 1 डायबिटीज जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां, तब होती हैं, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ शरीर के ऊतकों पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। यदि आप बच्चों को ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली का सेवन कराएं तो काफी हद तक टाइप 1 डायबिटीज होने की संभावना उनमें कम हो सकती है इसके साथ ही वयस्कों में ऑटोइम्यून डिजीज होने का रिस्क भी कम होता है। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि मछली खाने से रूमटॉइड अर्थराइटिस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का भी जोखिम कम होता है।
मछली खाने से नींद की समस्या होती है दूर
आजकल के समय में दुनियाभर में स्लीप डिसऑर्डर की समस्या होने लगती है ऐसे में लाइट का एक्सपोजर इसके लिए जिम्मेदार है.इसके साथ ही विटामिन D की कमी होने से भी स्लिप क़्वालिटी खराब होने लगती है यदि आप भी सैल्मन मछली खाना पसंद करते है तो आप नींद नहीं आने की दिक्क्त नहीं होगी।