Petrol Filling Tips: भारत में हर दिन करोड़ों वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं. जिनमें अधिकांश वाहन पेट्रोल और डीजल पर ही चलते हैं. इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों की संख्या अब भी सीमित है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की खपत और मांग दोनों काफी ज्यादा है. कई बार देखा गया है कि पेट्रोल पंपों पर मिलावट या माप में गड़बड़ी की शिकायतें भी सामने आती हैं. जिससे उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है.
क्या सुबह पेट्रोल डलवाने से होता है कोई फायदा?
इन दिनों एक आम धारणा फैल रही है कि सुबह-सुबह पेट्रोल भरवाने से फायदा होता है. लोग मानते हैं कि कम तापमान के कारण पेट्रोल की डेंसिटी ज्यादा रहती है और इस वजह से उन्हें ज्यादा मात्रा में ईंधन मिलता है. हालांकि यह पूरी तरह से मिथक है. विशेषज्ञों के अनुसार पेट्रोल की मात्रा और गुणवत्ता पर दिन के समय या तापमान का कोई असर नहीं पड़ता. आप सुबह, दोपहर या शाम – किसी भी समय पेट्रोल भरवा सकते हैं. उसका असर डेंसिटी पर नहीं पड़ेगा.
फ्यूल डेंसिटी क्या होती है?
फ्यूल डेंसिटी यानी पेट्रोल की घनता, उसकी गुणवत्ता और शुद्धता को दर्शाती है. भारत सरकार के मानकों के अनुसार पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए. यदि पेट्रोल की डेंसिटी इस तय सीमा में है, तो वह शुद्ध और बिना मिलावट वाला माना जाता है.
डेंसिटी पर तापमान का नहीं होता असर
कई लोग मानते हैं कि कम तापमान में डेंसिटी ज्यादा और गर्मी में कम हो जाती है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है. पेट्रोल की डेंसिटी पेट्रोल पंप की मशीन से निर्धारित की जाती है, जो तापमान के प्रभाव से पहले ही समायोजित होती है. अगर आपको कभी डेंसिटी कम लगे, तो यह तापमान का नहीं. बल्कि पंप ऑपरेटर की लापरवाही या धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है.
ग्राहक खुद भी कर सकते हैं डेंसिटी की जांच
अगर आप पेट्रोल की शुद्धता को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो आप पेट्रोल पंप पर उपलब्ध डेंसिटी मीटर से उसकी जांच कर सकते हैं. हर अधिकृत पंप पर डेंसिटी जांचने की व्यवस्था होती है, और उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह इसकी जानकारी मांगे.