Petrol Pump Density Meter: अगर आप नियमित रूप से कार या बाइक का उपयोग करते हैं और पेट्रोल पंप पर अक्सर जाते हैं तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है. जब आप पेट्रोल पंप पर वाहन में ईंधन भरवाने जाते हैं, तो आमतौर पर कर्मचारी आपको मीटर पर जीरो चेक करने को कहता है. यह एक आवश्यक प्रक्रिया है ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आपको उतना ही ईंधन मिल रहा है जितने के आप पैसे दे रहे हैं. लेकिन, कुछ मामलों में पेट्रोल पंप पर अन्य प्रकार के फर्जीवाड़े भी होते हैं जिन पर आमतौर पर ध्यान नहीं जाता है.
पेट्रोल डालते समय ध्यान देने योग्य बातें
जब आप पेट्रोल पंप पर होते हैं, तो न केवल मीटर पर जीरो देखना चाहिए बल्कि आपको पेट्रोल या डीजल की शुद्धता पर भी नजर रखनी चाहिए. अक्सर पेट्रोल पंप पर ईंधन में मिलावट की जाती है, जिससे न केवल आपके वाहन की दक्षता पर असर पड़ता है बल्कि यह वाहन के इंजन को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए जब भी आप पेट्रोल भरवाएं, तो मीटर पर दिखाई देने वाले ईंधन की मात्रा के साथ-साथ उसकी डेंसिटी पर भी नजर रखें.
ईंधन की डेंसिटी पर नजर रखें
पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी उसके घनत्व को दर्शाती है, जो ईंधन की शुद्धता का संकेत है. यदि डेंसिटी का स्तर निर्धारित मानकों से कम या ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि ईंधन में मिलावट की गई है. पेट्रोल की डेंसिटी 730-770 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और डीजल की डेंसिटी 820-860 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए. यदि ये आंकड़े इस सीमा से बाहर हैं, तो यह संकेत है कि ईंधन में मिलावट हो सकती है.
कैसे बचें पेट्रोल पंप पर होने वाले फर्जीवाड़े से
जब भी आप पेट्रोल या डीजल भरवाने जाएं, तो न केवल मीटर के जीरो पर नजर रखें बल्कि डेंसिटी मीटर पर भी विशेष ध्यान दें. पेट्रोल पंप के कर्मचारी से डेंसिटी चेक करने के लिए कहें और यदि संभव हो तो इसे स्वयं देखें. अगर डेंसिटी के आंकड़े सामान्य से अधिक या कम हैं, तो इसकी शिकायत तुरंत पेट्रोल पंप प्रबंधन या उपभोक्ता फोरम में करें. इस तरह की सावधानियां बरतने से आप न केवल अपने पैसे बचा सकते हैं बल्कि अपने वाहन को भी दीर्घकालिक हानि से बचा सकते हैं.