बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 13 लाख से अधिक किसान जो अपात्र पाए गए हैं
PM Kisan Yojana: बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 13 लाख से अधिक किसान जो अपात्र पाए गए हैं उन्हें योजना के तहत वितरित किए जाने वाले 2000 रुपये अब नहीं मिलेंगे. केंद्र सरकार ने जांच पड़ताल में पाया कि ये पैसे गलत तरीके से वितरित की जा रही थी. इस खबर ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी हलचल मचाई है.
केंद्र द्वारा उठाये गए कदम और जांच की प्रक्रिया
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राशन कार्डधारियों (Ration card holders) की जांच के लिए आधार से वन-टू-वन मिलान का आदेश दिया. इस प्रक्रिया में पाया गया कि कई लाभार्थी जो इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं उन्हें भी लाभ ले रहे थे. इस खुलासे के बाद सरकार ने इन अपात्रों से वित्तीय लाभ वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राज्य सरकार की भूमिका और आगे की योजना
बिहार सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल (Sanjay Kumar Agrawal) ने सभी जिला अधिकारियों को व्यक्तिगत सत्यापन कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में केवल पात्र किसानों को ही योजना का लाभ मिले. इसके अलावा, अपात्र लाभार्थियों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की गई है.
किसानों पर असर और सरकारी उपाय
इस खबर का किसान समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है. अपात्र लाभार्थियों की पहचान और उनसे वसूली जैसे कदमों से किसानों में एक असुरक्षा की भावना पैदा हुई है. हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए यह कदम उठा रही है और योजना को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है.