प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में दी जाती है। यह मदद खेती की जरूरतें पूरी करने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक है। अगली किस्त का इंतजार किसान बड़ी उत्सुकता से कर रहे हैं, जो जल्द ही जारी हो सकती है।
भारत सरकार ने देश के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना शुरू की है. इस योजना के तहत देश के करोड़ों किसानों को हर साल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाती है। हर चार महीने में 2000 रुपये की एक किस्त जमा की जाती है, जिससे किसानों को खेती के लिए जरूरी साधनों की खरीद में मदद मिलती है।
किसानों की खुशी का नहीं ठिकाना
इस योजना के तहत, किसानों को हर साल तीन बार पैसे मिलते हैं, जिससे वे अपनी खेती की जरूरतों को पूरा कर पाते हैं। अगली किस्त का इंतजार हर किसान बड़ी बेसब्री से करता है, क्योंकि ये 2000 रुपये उनके लिए काफी मददगार साबित होते हैं। इस योजना से अब तक लाखों किसानों को लाभ हुआ है, और इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।
अगली किस्त कब आएगी?
पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त 18 जून 2024 को जारी होने के बाद, 18वीं किस्त नवंबर 2024 में आने की उम्मीद है। यह किसानों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि उन्हें अगले साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उन्हें समय पर उनकी किस्त मिल जाएगी। हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि यह जल्द ही जारी होगी। सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता का लाभ प्राप्त करने के लिए सभी किसानों को ई-केवाईसी करवाना बेहद जरूरी है.
कैसे चेक करें अगली किस्त?
किसान अपनी किस्त का स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे:
- सबसे पहले https://pmkisan.gov.in/ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वहां ‘बेनिफिशियरी स्टेटस’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- इसके बाद आपको आपकी किस्त की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी।
योजना के लाभ
PM Kisan Yojana के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से किसान अपने खेतों में बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य जरूरी चीजें खरीद सकते हैं। इससे उनकी खेती की लागत कम होती है और फसल उत्पादन बढ़ता है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।