हर महीने आने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहते है।हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों का ही विशेष महत्व है।इन दोनों ही दिनों का एक साथ आना महासयोग कहलाता है।पॉश माह में 9 जनवरी मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत है।मंगलवार के दिन आने से इस प्रदोष व्रत को भोम प्रदोष व्रत कहते है। इस दिन व्रत रखने पर मान्यतानुसार भगवान भोलेनाथ की कृपादृष्टि भक्तो पर होगी।तो आइये जानते है प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि के दिन किस तरह कर भगवान शिव की पूजा कर सकते है।
प्रदोष और मासिक शिवरात्रि व्रत
पंचाग के अनुसार पॉश कृष्ण कपास की चतुर्दशी 9 जनवरी की सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 8 बजकर 10 मिनट पर हो जाएगा।ऐसे में इस दिन प्रदोष काल में भोलेनाथ का पूजन किया जा सकता है।प्रदोष काल शाम 5:41 से रात 8:24 मिंट तक है।
पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वस्थ कपडे पहने।इसके बाद व्रत का संकल्प ले। इसके बाद घर के मंदिर में दिप जलाए।इस दिन सुबह शिव मंदिर जाकर पूजा करे।शिवलिंग पर दूध ,जल ,फूल और फल आदि चढ़ाए। प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है।प्रदोष काल में प्रदोष वररत की पूजा करते हुए भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करे।पूजा में पंच मेवा,फूल,दही,देसी घी ,गंगाजल,इत्र,गए का दूध,कपूर,दिप,धुप आदि शामिल करे।