प्रयागराज को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, इसे कौशांबी के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर भारत के सबसे धार्मिक शहरों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। यह शहर अपने इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए पर्यटकों के बीच सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जगह हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थलों में से एक है। यहाँ घूमने के लिए अनेक प्राचीन मंदिर, तीर्थ स्थल, संगम, और प्रसिद्ध कुंभ का मेला हैं। भारत की तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के इस संगम पर अनेको तीर्थ स्थान मौजूद है। यहाँ दुनिया भर से लोग संगम में स्नान करने के लिए आते है। इस संगम नगरी में देशी पर्यटक ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
प्रयागराज टूरिस्ट प्लेस
कुंभ मेला, प्रयागराज

कुंभ मेला हिन्दुओं के लिए बहुत ही पवित्र है। प्रयागराज में हर 12 साल में लगने वाले कुंभ और हर छह साल में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले को देखने लाखों की संख्या में लोग आते हैं। ऐसा माना जाता है की कुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है। है। ऐसा कहा जाता है की एक बार जब विष्णु भगवान अमृत से भरा पात्र लेकर जा रहे थें कि तभी असुरों ने अमृत से भरा पात्र देख लिया है तब असुर उस पात्र को छीनना चाहते थे तब देवता और असुर ने एक-दूसरे के हाथ से उस पात्र को छीनने की कोशिश में अमृत की चार बूंदें धरती पर गिर गई थीं। यह बूंदें प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन जैसी तीर्थ स्थानों पर गिरीं। तभी से यह स्थान कुंभ मेला के लिए प्रसिद्ध हो गया।
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज

त्रिवेणी संगम प्रयागराज के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। त्रिवेणी का अर्थ है वह स्थान जहां तीन नदियां आकर आपस में मिलती है। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में गंगा नदी, यमुना नदी और सरस्वती नदी का मिलन होता है। त्रिवेणी संगम प्रयागराज से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। त्रिवेणी संगम वही स्थान है जहां हर 12 साल में एक बार कुंभ मेला आयोजन किया जाता है। यदि आप इस त्रिवेणी संगम के नाव की सवारी करते हैं, तो आप तीनो नदियों के पानी के रंगों में अंतर देख पाएंगे। ऐसा कहा जाता है की त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।
प्रयागराज का किला, प्रयागराज

प्रयागराज का किला यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस किले का निर्माण बादशाह अकबर ने 1583 में कराया था। यह किला यमुना नदी के किनारे स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जब अकबर इस जगह पर आये थे तब उन्हें यह जगह बहुत अच्छा लगा। तभी उन्होंने इस किले का निर्माण करवाया था। यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के वजह से बहुत फेमस है। यह किला प्रयागराज में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है और दुनिया भर में कई पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह किला तब खोला जाता है। जब यहाँ होने वाला 12 साल में कुंभ मेला लगता है। यह किला बलुई पत्थर से बना गया है।
लेटे हनुमान मन्दिर, प्रयागराज
लेटे हनुमान मन्दिर प्रयागराज के प्रमुख दर्शनीय स्थल में से एक है। इस मंदिर में हनुमान जी लेटे हुए रूप में विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है इस मंदिर में दर्शन मात्र से हनुमान जी श्रद्धालु की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसी वजह से है कि शनिवार और मंगलवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। यह मंदिर इस शहर का एक लोकप्रिय तीर्थ जगह है। यह मंदिर संगम के किनारे स्थित है इस मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहाँ संगम में स्नान के बाद इस हनुमान जी के मन्दिर में दर्शन नहीं किया जाए तो इस संगम में स्नान को अधूरा माना जाता है, इसलिए यह मंदिर यहाँ के लोगों के लिए आकर्षक का केन्द्र बना हुआ हैं।
समय:- सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक
जवाहर तारामंडल, प्रयागराज
जवाहर तारामंडल प्रयागराज के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। इस तारामंडल में आप विज्ञान से संबंधित बहुत सारी वस्तुएं देख सकते है। इस तारामंडल को 1979 में बनाया गया था जो आनंद भवन के बगल में है। यह तारामंडल एक चंद्रमा मॉडल पेश करता है। इसके अलावा इस तारामंडल में अंतरिक्ष और सौर मंडल की खूबसूरती को दिखाने के लिए कई शो आयोजित भी किए जाते हैं। अगर आप ग्रहों और तारों के बारे में ज़्यादा जानना चाहते हैं, तो आपको यहाँ जरुर जाना चाहिए। यह तारामंडल और कई अन्य मनोरंजक गतिविधियों से भी भरा हुआ है जो बच्चों की रुचि विज्ञान के प्रति आकर्षित करती है।
समय:- सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- 20 रुपये
खुसरो बाग, प्रयागराज
खुसरो बाग प्रयागराज के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह बाग एक ऐतिहासिक बाग है। खुसरो बाग बहुत ही प्रसिद्ध जगह है क्योंकि यही पर राजकुमार खुसरो और सुल्तान बेगम की कब्रें बनी हुई हैं। इसके आसपास की दीवारें मुगल वास्तुकला की याद दिलाते हैं। इसलिए इसे प्रयागराज के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इस बाग के हर मकबरे की सुंदर शिलालेख, गुलाब और अमरूद के पेड़ों से भरा यह बाग जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती है इसलिए यह बाग कई पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह बाग 67 एकड़ क्षेत्रफल में बना हुआ है। इसके बाग के चारों तरफ लाल पत्थर की ऊंची दीवारें हैं।
समय:- सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
अलोपी देवी मंदिर, प्रयागराज
अलोपी देवी मंदिर प्रयागराज प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर प्रयागराज के अलोपीबाग में स्थित है। यह मंदिर मां अलोपशंकरी को समर्पित है। इसलिए यह मंदिर कोई आम मंदिर नहीं है बल्कि यह मंदिर 108 शक्तिपीठो में से एक है। यही पर माँ सती के दाहिने हाथ का पंजा गिरा था। इस मंदिर में किसी भी देवता की प्रतिमा नहीं है, बल्कि एक लकड़ी का रथ या डोली है। इस मंदिर में नवरात्रि के समय हिन्दू भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यहां रक्षा-सूत्र बांधने से भी भक्तों की मनोकामना पूरा हो जाता है। इस मंदिर में भक्त परिक्रमा नंगे पैर करते हैं। और यह परिक्रमा करने से भी लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है।
समय:- सुबह 6.00 बजे से शाम 800 बजे तक
प्रवेश शुल्क:- फ्री
मिन्टो पार्क, प्रयागराज

मिन्टो पार्क प्रयागराज के लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह पार्क प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। इस पार्क का नाम मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया है। यह पार्क बहुत ही हरा-भरा है। इस पार्क में बनाई गई चार सफेद पत्थर की शेर की मूर्तियां इस पार्क का आकर्षण का केंद्र हैं। यह पार्क प्रयागराज में एक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल होने के अलावा भी इस शहर का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल के रूप में माना जाता है। यह जगह इसलिए फेमस है क्योंकि यही पर वर्ष 1858 में लॉर्ड कैनिंग ने महारानी विक्टोरिया की उद्घोषणा को पढ़ा था। यह पार्क दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रयागराज के सबसे अच्छे जगहों में से एक है।
मनकामेश्वर मन्दिर, प्रयागराज
मनकामेश्वर मन्दिर प्रयागराज के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप जाना जाता है। यह मंदिर लाखों तीर्थयात्रीयों के लिए की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हिंदू मंदिर के लिए पवित्र है। ऐसा कहा जाता है की यहाँ भगवान शिव को जलाभिषेक से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम वनवास जा रहे थे उसी समय अपने भाई लक्ष्मण और अपनी पत्नी सीता के साथ यही रुके थे और इसी अक्षयवट के नीचे विश्राम किया था। तभी से यह जगह बहुत ही प्रसिद्ध हो गया।
समय:- सुबह 5:00 बजे – दोपहर 12:00 बजे, शाम 4:00 बजे – रात 9:00 बजे
प्रवेश शुल्क:- निःशुल्क
माघ मेला, प्रयागराज

माघ मेला प्रयागराज का बहुत ही फेमस है, जो हर साल माघ महीने मे आयोजित किया जाता है। प्रयागराज में होने वाले माघ मेला कुम्भ मेला की तरह ही होता है। माघ मेला हिंदूओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मेला है और इस माघ मेला का इंतजार सभी तीर्थयात्रियों द्वारा बेसब्री से हर साल किया जाता है। यह मेला हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। प्रयागराज का माघ मेला विश्व का सबसे बड़ा मेला माना जाता है। इस मेले में विदेशी पर्यटकों भी शामिल होते है। ऐसा कहा जाता है की माघ मेले में संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज की अन्य घूमने लायक जगह

इन सब के अलावा भी प्रयागराज में घूमने के लिए कई आकर्षित जगह है, जहां घूम सकते है। ऑल सेट्स कैथेड्रलविनायक सिटी सेंटर मॉल अशोक स्तंभ, अल्फ्रेड पार्क, प्रयागराज, फेमस पब्लिक लाइब्रेरी, सरस्वती घाट, भारद्वाज पार्क, आनंद भवन, विनायक सिटी सेंटर मॉल, न्यू यमुना ब्रिज प्रयागराज, अल्फ्रेड पार्क जैसी जगहे है, जहां आप घूम सकते है।
प्रयागराज में शॉपिंग
एटलांटिस मॉल प्रयागराज का एक लोकप्रिय मॉल होने के साथ-साथ सबसे बड़े मॉल में से भी एक है। प्रयागराज में मौजूद रोशन बाग मार्केट शादी की शॉपिंग करने के लिए सबसे बेहतरीन और सस्ती जगहों में एक है। रोशन बाग साड़ी, कपड़े और ट्रेडिशनल चीजों के लिए एक लोकप्रिय शॉपिंग मार्केट है। फैशन से जुड़े लेटेस्ट ड्रेस, ज्वैलरी और ब्यूटी प्रोडक्ट्स के लिए भी फेमस है।
प्रयागराज के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन

प्रयागराज अपने धार्मिक स्थल होने साथ- साथ प्रसिद्ध भोजन के लिए जाना जाता है। प्रयागराज में सबसे लोकप्रिय फूड जॉइंट्स में से एक है। यह जगह कबाब और मुंह में पानी भरने वाली बिरयानी के लिए लोकप्रिय है।प्रयागराज की कचौरियाँ न केवल अपनी नरम, परतदार बनावट के लिए बल्कि उड़द दाल की स्टफिंग के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यहाँ की सबसे स्वादिष्ट मिठाई लौंगलता है, ये नहीं खाया तो कुछ नहीं खाया।
प्रयागराज जाने का उचित समय
वैसे तो हालांकि प्रयागराज सालभर पर्यटकों के घूमने के लिए अच्छी जगह है, क्योंकि यह एक धार्मिक नगरी है, इसलिए यहां हर समय उत्सव, त्योहार का माहौल रहता है। प्रयागराज जाने के लिए मार्च तक का समय प्रयागराज की यात्रा के लिए सबसे सुखद समय माना जाता है।
प्रयागराज कैसे पहुँचे?
प्रयागराज उत्तर प्रदेश राज्य में पड़ता है। प्रयागराज भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वैसे तो यहां पर प्रयागराज में बस एवं रेलवे स्टेशन की सुविधा देखने को मिल जाएंगे लेकिन हवाई अड्डा की सुविधा आपको इसके नजदीक की मुख्य एयरपोर्ट से लेनी पड़ेगी। प्रयागराज तक पहुंचने का तरीका इस प्रकार है:-
प्रयागराज फ्लाइट से कैसे पहुँचे?

प्रयागराज में एयरपोर्ट सुविधा उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके नजदीकी मुख्य एयरपोर्ट की बात करें तो दो एयरपोर्ट हैं। पहला वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट यहाँ से लगभग प्रयागराज 150 किमी है और दूसरा लखनऊ का अमौसी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जहाँ से लगभग प्रयागराज 200 किमी हैं। यह दोनों एयरपोर्ट भारत के अन्य प्रमुख शहरों से भी जुड़े हुए हैं। आप एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने ऑटो, बस, टैक्सी, ओला आदि की मदद से प्रयागराज में आप कहीं भी जा सकते है।
रेल द्वारा प्रयागराज कैसे पहुँचे?

प्रयागराज में कई रेलवे स्टेशन है लेकिन मुख्य रूप से तीन रेलवे स्टेशन है। पहला प्रयागराज जंक्शन, दूसरा प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन तथा तीसरा प्रयागराज छिवकी रेलवे स्टेशन है। आप इन तीनों रेलवे स्टेशन में से किसी भी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद यहां पर चलने ऑटो, बस, टैक्सी, ओला आदि की मदद से प्रयागराज में आप कहीं भी जा सकते है।
सड़क मार्ग से प्रयागराज कैसे पहुंचे?

प्रयागराज भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। भारत के प्रमुख शहरों जैसे – दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, बनारस, पटना, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, भोपाल, जयपुर आदि जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके नजदीकी मुख्य शहर से बसों का भी संचालन होता है जिसकी सहायता से अगर आप बस से भी प्रयागराज जाना चाहते हैं तो काफी आसानी से जा सकते है।