Private Railway Station : सरकार रेलवे स्टेशनों को साफ और आधुनिक बना रही है, जिसमें प्राइवेट कंपनियों को भी शामिल किया गया है. भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यूपी का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन कौन सा है. इस रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं और जल्द ही यह पूरी तरह बनकर तैयार भी हो जाएगा.
सरकार रेलवे स्टेशनों को साफ और आधुनिक बना रही है, जिसमें प्राइवेट कंपनियों को भी शामिल किया गया है. भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Railway Station) है. यह स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसका संचालन प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यूपी का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन (Private Railway Station) कौन सा है. इस रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं और जल्द ही यह पूरी तरह बनकर तैयार भी हो जाएगा.
यूपी के पहले प्राइवेट रेलवे स्टेशन की बात करें तो यह लखनऊ का गोमती नगर रेलवे स्टेशन है. इसे प्रदेश का पहला निजी प्रबंधन वाला रेलवे स्टेशन माना जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन, सिक्योरिटी और टिकट बिक्री आदि रेलवे के ही हाथ में रहेगी, जबकि स्टेशन का अन्य काम प्राइवेट कंपनियां संभालेंगी. इस योजना का मकसद यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर अंतरराष्ट्रीय लेवल की सुविधाएं मुहैया कराना है.
प्राइवेट कंपनियों को क्या काम मिलेगा-
गोमती नगर रेलवे स्टेशन पर कुछ कार्यों को छोड़कर लगभग सभी काम की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों की होगी. इसमें कैटरिंग, कार पार्किंग और पैसेंजर्स को दी जाने वाली अन्य सुविधाएं शामिल हैं. योजना के जरिये यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. यहां मॉडर्न फैसिलिटीज (modern facilities) के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा व अन्य सुविधाओं का ख्याल रखा गया है.
किस कंपनी को मिला है जिम्मा-
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) ने गोमती नगर रेलवे स्टेशन के प्रबंधन के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है. चयनित कंपनियों को 9 साल का लाइसेंस मिलेगा, जिसे 3 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है.
यह साझेदारी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है. इस मॉडल के तहत, स्टेशन की कुल कमाई का 15% हिस्सा RLDA को जाएगा, जबकि बाकी 85% हिस्सा रेलवे को मिलेगा. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को भी इसी तरह विकसित किया जाएगा.
गोमती नगर रेलवे स्टेशन ही क्यों चुना-
गोमती नगर रेलवे स्टेशन (Gomti Nagar Railway Station) को निजी कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए चुना गया है क्योंकि यह लखनऊ का दूसरा सबसे व्यस्त स्टेशन है. यह स्टेशन गोरखपुर, छपरा, और बरौनी जैसे शहरों से सीधा जुड़ा है, जो इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश के यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण बनाता है.
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narender Modi) ने हाल ही में इस स्टेशन की आधारशिला रखी थी. यहां सोलर सिस्टम (solar system), एस्केलेटर, एलिवेटर, और वाणिज्यिक स्थान (commercial space) जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. यात्रियों को आशंका है कि इन सुविधाओं के लिए उनसे ज्यादा किराया वसूला जा सकता है, लेकिन रेलवे ने स्पष्ट किया है कि पूरे प्रबंधन पर उसकी निगरानी रहेगी.