Private School Admission: हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिलना अब एक साकार होती हकीकत बन चुकी है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) 2009 की धारा 12 (1)(c) के अंतर्गत वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (DG & EWS Category) के बच्चों को अब प्राइवेट स्कूलों में फ्री दाखिला मिल रहा है. यह पहल न केवल सामाजिक प्रवेश को बढ़ावा देती है, बल्कि हर बच्चे को बराबरी के अवसर देकर समाज में शिक्षा की रोशनी फैलाने का एक बड़ा माध्यम बन रही है.
बिहार सरकार ने शुरू की दो चरणों में नामांकन प्रक्रिया
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बिहार सरकार द्वारा RTE एक्ट के अंतर्गत नामांकन प्रक्रिया दो चरणों में संचालित की जा रही है. पहले चरण में रोहतास जिले के 364 निजी स्कूलों में अब तक 1640 से अधिक बच्चों का दाखिला सफलतापूर्वक हो चुका है. यह दिखाता है कि लोग अब इस योजना को लेकर जागरूक हो रहे हैं और अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए आगे आ रहे हैं.
Gyandeep Portal के जरिए करें ऑनलाइन आवेदन
इस योजना के तहत अभिभावक ज्ञानदीप पोर्टल (http://gyandeeponline.bihar.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल है ताकि ग्रामीण इलाकों के लोग भी आसानी से इसका लाभ उठा सकें. आवेदन के बाद छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन 21 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा. इसके बाद 25 अप्रैल को लॉटरी के माध्यम से स्कूलों का आवंटन होगा और 26 से 30 अप्रैल के बीच बच्चों का नामांकन संबंधित स्कूलों में किया जाएगा.
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ ?
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के वे परिवार जिनकी वार्षिक आय ₹1 लाख 80 हजार रुपये से कम हो.
वंचित समूह (DG) जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग बच्चे, अनाथ बच्चे, ट्रांसजेंडर बच्चे आदि.
बच्चे की उम्र प्री-प्राइमरी के लिए 3 से 5 वर्ष और कक्षा 1 के लिए 6 से 7 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
छात्रों को मिलेंगी मुफ्त शैक्षणिक सुविधाएं
बिहार सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि नामांकित छात्रों को निम्नलिखित सुविधाएं मुफ्त में दी जाएंगी
- मुफ्त पाठ्यपुस्तकें
- यूनिफॉर्म
- स्टेशनरी
- स्कूल बैग
- मिड-डे मील (जहां लागू हो)
सरकार की मंशा यह है कि शिक्षा के रास्ते में किसी भी गरीब बच्चे की आर्थिक स्थिति बाधा न बने.
शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी और दिशा-निर्देश
बिहार शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस योजना को गंभीरता से लागू करें और इसका अधिकतम लाभ जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाए. सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे पात्र बच्चों को निर्धारित सीटों पर बिना किसी भेदभाव के प्रवेश दें.
एक नई उम्मीद अभिभावकों में जागरूकता का प्रसार
पहले की तुलना में अब अभिभावकों में जागरूकता बढ़ी है और वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए RTE योजना की तरफ रुचि ले रहे हैं. बिहार सरकार का यह प्रयास ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
समाज में समरसता और समानता का प्रतीक
यह पहल केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि समाज में समरसता और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. जिन बच्चों को कभी समाज की मुख्यधारा से अलग कर दिया गया था, वे आज उन्हीं स्कूलों में शिक्षा पा रहे हैं जहां कभी सिर्फ अमीर घरों के बच्चे जाते थे. इससे शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है.
अब शिक्षा हर बच्चे का अधिकार जिम्मेदारी हमारी
बिहार सरकार की यह योजना शिक्षा को समाज के हर कोने तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है. अगर आपने अभी तक आवेदन नहीं किया है, तो 19 अप्रैल 2025 की अंतिम तिथि से पहले जल्दी करें आवेदन. याद रखें, एक सही कदम आपके बच्चे का भविष्य संवार सकता है.