property rights : संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं। यह विवाद इतनी बढ़ जाते हैं कि अदालतों तक भी पहुंच जाते हैं। कभी भाई बहन तो कभी भाइयों में तो कभी माता-पिता और संतान में प्रॉपर्टी का विवाद देखने को मिलता है। इतना ही नहीं संपत्ति के बंटवारे के दौरान जीजा भी खेल कर सकता है। संपत्ति (property rights) बंटवारे के कानून को सभी को पता होना चाहिए। अगर कानून का पता होगा तो वह अपनी संपत्ति के अधिकारों के बारे में जागरूक रहेगा।
संपत्ति का बंटवारा होना आम बात है, यह वर्षों से चला आ रहा है। परिवार जैसे ही बड़ा होता है तो पीढ़ी दर पीढ़ी संपत्ति बंटती चली जाती है।
संपत्ति का बंटवारा होकर ही देश में इतने परिवार बने हैं। संपत्ति का बंटवारा जितना आसान लगता है, इतना होता नहीं है। इसको लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं। संपत्ति (property rights) के मामले में तो जीजा भी खेल कर सकता है।
कितना है प्रॉपर्टी में बहन का अधिकार
संपत्ति के बंटवारे को लेकर जो कानून बनाए गए हैं। उनमें स्पष्ट कहा गया है कि संपत्ति में जितना बेटों का अधिकार है उतना ही बेटियों का भी अधिकार है। इसका मतलब है कि बहन भाई के बराबर ही प्रॉपर्टी (property rights) की अधिकारी होगी। चाहे वह शादीशुदा हो या फिर अविवाहित हो। शादी के बाद भी बहन को बराबर का अधिकार मिलेगा।
आमतौर पर ऐसे होता है संपत्ति का बंटवारा
वैसे तो संपत्ति के बंटवारे को लेकर कानून कहता है कि बहन भाइयों में बराबर संपत्ति बटेगी, लेकिन आमतौर पर भारतीय समाज में देखने को मिलता है कि जब संपत्ति पर बंटवारे की बात आती है तो यह भाइयों में ही बंटती है।
बहन को पराया धन बोला जाता है और वह अपने पति की प्रॉपर्टी में ही अपना जीवन यापन करती है। हालांकि बहन कानूनी तौर पर अपना प्रॉपर्टी (property rights) में हिस्सा मांग सकती है, लेकिन रिश्ते नातों के चलते परंपरा चलती आ रही है कि भाई के नाम ही प्रॉपर्टी रह जाती है।
संपत्ति के बंटवारे में रजामंदी जरूरी
अगर संपत्ति का बंटवारा कर रहे हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि कोई भी निराश ना हो। सभी की सहमति होनी चाहिए। सभी की सहमति होने पर ही संपत्ति बिना विवाद (property rights) के बांटी जा सकती है। वरना तो संपत्ति का बंटवारा करना टेढ़ी खीर हो जाएगा और कोर्ट तक मामला पहुंच सकता है।
इतना ही नहीं यहां तक की बहन के पति यानी जीजा से भी संपत्ति बंटवारे को लेकर सहमति बना लेनी चाहिए। जीजा डायरेक्ट तो हस्तक्षेप नहीं कर सकता लेकिन बहन पर दबाव बनाकर खेल जरूर कर सकता है।
माता-पिता की मौत के बाद किसकी होगी संपत्ति
संपत्ति के अधिकार को लेकर अक्षर विवाद देखने को मिलते हैं। अगर किसी के माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो भी बंटवारे को लेकर संतानों में विवाद छिड़ जाता है, हालांकि कानून कहता है कि अगर माता-पिता ने संपत्ति को अपने बेटों के या किसी अन्य के नाम नहीं किया है तो संपत्ति का बंटवारा सभी में बराबर होगा।
चाहे वह बेटा हो या फिर बेटी हो सभी को बराबर का हिस्सा मिलेगा। अगर मृत्यु से पहले ही किसी के नाम संपत्ति करती है तो उसे संपत्ति का मालिक वही रहेगा जिसके नाम माता-पिता संपत्ति करी है।
संपत्ति का बंटवारा बेटी पर करता है निर्भर
संपत्ति का बंटवारा (Property Dispute Cases update) हो रहा है तो यह जरूरी नहीं है बेटी को संपत्ति दी ही जाएगी। बेटी अपनी मर्जी से संपत्ति की हिस्सेदारी छोड़ सकती है। आम तौर पर यह होता भी है और इससे भाई बहन के बीच के रिश्ते की रस्में भी कायम रहती हैं। अगर संपत्ति में भाई को हिस्सा (Brother sister property rights) बहन न देना चाहे तो इसपर भाई कोई दबाव नहीं बना सकते हैं। यह पूरी तरह से बहन पर निर्भर करता है।
यह है संपत्ति बंटवारे का कानून
प्रोपर्टी के बंटवारे आम बात है। इस विवाद से बचना है तो आपको भी कानूनी नियमों (Property laws) का पालन करना होगा। अगर किसी प्रोपर्टी से जुड़ा विवाद एसडीएम कोर्ट पहुंच जाता है तो वहां पर सरकारी कागज में जितने भी नाम लिखे होते हैं। सभी की संपत्ति के बंटवारे में रजामंदी जरूरी है।