Public Toilet Ban: केरल हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट कर दिया है कि पेट्रोल पंपों पर मौजूद शौचालयों का उपयोग आम जनता नहीं कर सकेगी. यह फैसला पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया. जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा इन शौचालयों को सार्वजनिक घोषित किए जाने पर आपत्ति जताई थी.
केवल ग्राहकों के इमरजेंसी उपयोग के लिए होंगे शौचालय
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पेट्रोल पंप पर मौजूद शौचालय केवल ग्राहकों की आपातकालीन आवश्यकता के लिए हैं. इसे सार्वजनिक सुविधा के रूप में अनिवार्य करना उचित नहीं है. इसके तहत सरकार को अंतरिम आदेश देते हुए कहा गया कि पेट्रोल पंप शौचालयों को आम जनता के लिए अनिवार्य रूप से खुला न किया जाए.
पुराने आदेश पर लगी न्यायिक रोक
इस फैसले के साथ ही नगरपालिका और राज्य सरकार के उस निर्णय पर भी रोक लगा दी गई है जिसमें पेट्रोल पंप शौचालयों पर ‘सार्वजनिक उपयोग के लिए’ पोस्टर चिपकाए गए थे. अब ये शौचालय आम नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे. जिससे पंप मालिकों को बड़ी राहत मिली है.
पेट्रोल पंप मालिकों का तर्क – ‘संपत्ति अधिकार का उल्लंघन’
पेट्रोल पंप मालिकों ने अदालत में तर्क दिया कि पंप परिसर में बने शौचालय निजी संपत्ति का हिस्सा हैं, और इन्हें सार्वजनिक घोषित करना संविधान द्वारा प्रदत्त संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि सरकारी आदेश से उनका व्यवसाय बाधित हो रहा है.
कोर्ट ने मांगा स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ा स्पष्टीकरण
केरल हाई कोर्ट ने मामले में तिरुवनंतपुरम नगर निगम से स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लागू किए गए दिशा-निर्देश प्रस्तुत करने को कहा था. इसके बाद पंप मालिकों ने कोर्ट को बताया कि इन शौचालयों को सार्वजनिक उपयोग के लिए अनिवार्य बनाना अनुचित है.
सार्वजनिक उपयोग से होते थे झगड़े और बाधित होता था कार्य
पेट्रोल पंप मालिकों ने कोर्ट में यह भी कहा कि शौचालय के सार्वजनिक इस्तेमाल के चलते पंप पर रोजाना झगड़े होते थे. इससे उनके कार्यों में बार-बार व्यवधान आता था. सुरक्षा, स्वच्छता और संचालन की समस्याओं के चलते उन्होंने अदालत से इस विषय में राहत मांगी.
अब जनता को नहीं मिलेगा पंप पर वॉशरूम का विकल्प
इस निर्णय के बाद यह साफ हो गया है कि कोई भी व्यक्ति पेट्रोल पंप पर बने शौचालय का उपयोग केवल तभी कर सकेगा, जब वह ग्राहक हो और कोई इमरजेंसी स्थिति हो. आम लोग अब इन शौचालयों का उपयोग नहीं कर पाएंगे. जिससे उन्हें अन्य सार्वजनिक सुविधा केंद्रों पर निर्भर रहना पड़ेगा.
भविष्य में सार्वजनिक सुविधाओं के विस्तार पर रहेगा जोर
हालांकि यह फैसला पेट्रोल पंप शौचालयों पर लागू है. लेकिन इससे यह संकेत जरूर मिला है कि सरकार को शहरों और राजमार्गों पर अलग से सार्वजनिक शौचालयों का नेटवर्क विकसित करना होगा. ताकि लोगों की मूलभूत जरूरतें बिना विवाद पूरी की जा सकें.
