Bhakra Dam: मौसम वैज्ञानिकों ने चढ़ते साल के पहले तीन महीनों में उत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई है. इसका सीधा असर जल स्रोतों पर पड़ सकता है जिससे पानी की किल्लत का खतरा बढ़ रहा है. यह चेतावनी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा जारी की गई है.
भाखड़ा बांध में जलस्तर घटने से बढ़ी चिंता
भाखड़ा बांध (Bhakra Dam low water level crisis) में इस समय पानी का स्तर कुल क्षमता का केवल 43% है, जो सामान्य से काफी कम है. यह आंकड़ा 10 वर्षों के औसत 61% जलस्तर से कम है. पानी की कमी का यह आंकड़ा पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि-प्रधान राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है.
बिजली और पानी संकट की आशंका
भाखड़ा बांध में पानी की कमी (Punjab power and water crisis alert) के कारण पंजाब और अन्य राज्यों में बिजली और पानी के संकट की स्थिति बन सकती है. बोर्ड के अनुसार, जलस्तर की कमी से सिंचाई और घरेलू उपयोग दोनों में समस्याएं पैदा हो सकती हैं. यह स्थिति आने वाले महीनों में और गंभीर हो सकती है.
पड़ोसी राज्यों को भी सतर्क रहने की सलाह
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, और राजस्थान (water management alert for neighboring states) जैसे पड़ोसी राज्यों को भी चेतावनी दी है. बोर्ड ने राज्यों से कहा है कि वे अपनी पानी की मांगों का मुलांकन करें और उसकी कमी को देखते हुए सावधानीपूर्वक योजनाएं बनाएं.
बारिश से थोड़ी राहत की उम्मीद
हाल ही में हुई बारिश (recent rainfall impact in North India) ने स्थिति को कुछ हद तक संभाला है. 3 जनवरी को भाखड़ा बांध में पानी की आवक 4700 क्यूसिक और निकासी 10,000 क्यूसिक थी. इसी तरह, पौंग बांध में पानी की आमद 2600 क्यूसिक और निकासी 13,000 क्यूसिक रही. हालांकि, यह बारिश स्थायी समाधान नहीं है.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
आईएमडी (India Meteorological Department forecast) ने 5 और 6 जनवरी को उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना जताई है. यदि यह पूर्वानुमान सही रहता है, तो इससे कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है. लेकिन दीर्घकालिक योजनाओं की आवश्यकता बनी रहेगी.
किसानों के लिए नई चुनौती
जलस्तर की कमी (water shortage impact on farmers) का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ेगा. सिंचाई के लिए पानी की कमी से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए यह एक गंभीर चुनौती है.
समाधान की दिशा में कदम
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने जलस्तर की कमी (water crisis management in Punjab) से निपटने के लिए सभी राज्यों से सहयोग मांगा है. पानी की बचत और कुशल प्रबंधन से इस स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. इसके साथ ही, जल संरक्षण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान देना होगा.