Pyaz ka Bhav : देशभर में महंगाई दिन ब दिन बढ़ती जा रही है और अब इसी बीच जहां आम लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। वहीं, किसानों के लिए ये खबर दुखदमयी है। आप जानते ही है कि प्याज का इस्तेमाल हर घर की रसोई में होता है और ऐसे में मंडियों में इन दिनों प्याज कौड़ियों के भाव बिक रहा है। प्याज के दामों (Pyaz ka Bhav) में गिरावट के चलते सड़कों पर ही प्योज के ढेर लग रहे हैं।
जहां एक ओर सब्जियों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर अब प्याज के भावों में गिरावट देखी जा रही है। प्याज के भावों में गिरावट ने किसानों की इस महंगाई के जमाने में मुश्किलें बढ़ दी है। अब मंडियों में प्याज कोड़ियों के दाम (Onion Rate) पर बेचे जा रहे हैं और सड़कों पर ढेर लग रहे है। ऐसे में आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि प्याज के दाम क्या चल रहे हैं।
इन खर्चो के नहीं बचा रहा मुनाफा
मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के मंडी में प्याज के गिरते दामों (falling onion prices) के चलते किसानों के लिए अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा हैं। ट्रैक्टर का किराया, मजदूरी और दूसरे खर्चों को जोड़ने के बाद किसानों के पास कोई पैसा नहीं बच रहा है। इस वजह से कई किसानों ने बाजार में प्याज ले जाकर बेचना ही छोड़ दिया है।
कितने हो गए प्याज के रेट
किसानों को प्याज के इतने कम दाम (onion prices to farmers) मिल रहे हैं, कि उन्हें उनकी मेहनत और खर्च का कोई लाभ नहीं मिल रहा। वहीं, बढ़िया क्वालिटी वाला प्याज की कीमत में भी मंडी में गिरावट देखी गई है। अभी वर्तमान में मार्केट में प्याज की कीमत (pyaj ke rate) पचास पैसे से लेकर दो रुपये प्रति किलोग्राम तक है। वहीं, दूसरी ओर छोटी प्याज पचास पैसे प्रति किलोग्राम पर बेची जा रही है। मंडी व्यापारी का कहना है कि प्याज के भाव पचास पैसे से दो रुपये प्रति किलो तक हो गए हैं। छोटे साइज के प्याज के रेट तो पचास पैसे तक रह गए हैं। ऐसे में मंडी में प्याज ले जाने पर किसान को हानि हो रही है।
क्यों जानवरों को खिला रहे किसान प्याज
किसान अब प्याज के घटते दामों (pyaj ke damm) के देखकर प्याज की खेती छोड़ रहे हैं। कई किसान प्याज को बाहर फेंक रहे हैं तो वहीं, कई किसानों अब जानवरों को प्योज खिला रहे हैं। कई किसानों ने कई महीने तक प्याज को स्टॉक करके रखा ताकि रेट अच्छा आने पर बेच सकें।
लेकिन अब भाव पचास पैसे प्रति किलो होने के चलते प्याज उगने लगी है या खराब होने लगी है। किसानों का कहना है कि गोदाम में पंखे और बिजली खर्च कर प्याज को खराब होने से बचाया, लेकिन अब वह अंकुरित हो गई है।
मुनाफा तो दूर, नहीं निकल पा रही लागत
आगर मालवा जिले में प्याज की खेती (Onion cultivation in Malwa district) की बात करें तो यहां पर प्याज की खेती पर प्रति हेक्टियर तकरीबन चार लाख रुपये की लागत आती है और इसके एक हेक्टियर में तकरीबन 150 क्विंटल प्याज की पैदावार की जाती है। अभी के मंडी भावों पर गौर करें तो किसान को प्याज की खेती के लिए प्रति हेक्टियर तकरीबन दो लाख रुपये ही मिल रहे हैं।
यानी प्याज की खेती (pyaj ki kheti) से उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। प्याज की कीमतों में गिरावट से किसान थोड़े नाखुश हो गए हैं। मंडियों में कम भाव के चलते किसान अब प्याज की खेतों में छोड़ने, जानवरों को खिलाने या फेंकने पर मजबूर हो गए हैं।
