Indian Railways: भारतीय रेलवे में अक्सर यात्रियों को टीसी और टीटीई के बीच के अंतर को लेकर भ्रमित होते देखा गया है. इन दोनों पदों की जिम्मेदारियां भले ही समान प्रतीत हों, पर वास्तव में इनके कार्य क्षेत्र और अधिकारियों में महत्वपूर्ण अंतर है. जहां टीसी का मुख्य काम रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के टिकट जांचना होता है, वहीं टीटीई ट्रेनों में यात्रियों के टिकट जांचने का कार्य करते हैं.
रेलवे स्टेशन पर टिकट चेक वाले टीसी
टिकट कलेक्टर जिन्हें टीसी कहा जाता है उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के टिकट जांचना और बिना टिकट या अवैध टिकट वाले यात्रियों से जुर्माना (penalty collection) वसूलना होती है. ये अधिकारी आमतौर पर स्टेशन के प्रवेश द्वार पर या प्लेटफार्म पर मौजूद रहते हैं और यदि जरूरत पड़े तो जुर्माना न चुकाने वाले यात्रियों को कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस के हवाले कर सकते हैं.
ट्रेनों में टिकट चेक करने वाले टीटीई
दूसरी ओर, ट्रैवल टिकट एग्जामिनर यानी टीटीई का कार्य ट्रेनों में चलते हुए यात्रियों के टिकट जांचना होता है. ये अधिकारी ट्रेन के कोच में यात्रियों की सीट और टिकट की जांच करते हैं, और यदि कोई यात्री बिना टिकट पाया जाता है तो उन पर जुर्माना लगाने या उन्हें अगले स्टेशन पर उतारने का अधिकार इन्हें होता है. टीटीई अक्सर यात्रियों की पहचान सत्यापित करने के लिए आईडी भी देखते हैं.
टीसी और टीटीई की पहचान कैसे करें?
टीसी और टीटीई की पहचान करना उनकी वर्दी से संभव है. जहां टीसी आमतौर पर सफेद शर्ट और काली पैंट पहने होते हैं, वहीं टीटीई अक्सर काले कोट में दिखाई देते हैं. टीटीई के कोट पर उनके पद का नाम भी लिखा होता है, जिससे उन्हें पहचानना आसान होता है. यह जानकारी यात्रियों को उनके रेल यात्रा के दौरान अधिक सजग और सूचित रहने में मदद करती है.