नई दिल्ली। दिवाली का त्यौहार करीब है और देशभर में लोग अपने परिवारों के साथ इस रोशनी के पर्व को मनाने के लिए घर लौटने की तैयारी में हैं। ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। कई लोग अपने साथ मिठाइयां, कपड़े और उपहार जैसी चीजें ले जा रहे हैं, लेकिन अगर आप आतिशबाज़ी का सामान — जैसे रॉकेट, अनार, पटाखे या फुलझड़ियां — साथ ले जाने की सोच रहे हैं, तो यह गलती बिल्कुल न करें।
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ वस्तुओं को ट्रेनों में ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया है। इनमें ज्वलनशील और विस्फोटक पदार्थ जैसे पटाखे भी शामिल हैं। रेलवे के नियमों के अनुसार, कोई भी यात्री यदि ऐसे सामान के साथ यात्रा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्यों नहीं ले जा सकते पटाखे?
ट्रेनों में पटाखे ले जाना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह सैकड़ों यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकता है। एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ा हादसा कर सकती है और पूरी ट्रेन को आग की चपेट में ले सकती है। इसी कारण रेलवे सुरक्षा बल (RPF) हर साल दिवाली के समय विशेष सतर्कता बरतता है और यात्रियों से अपील करता है कि वे ऐसे खतरनाक सामान को अपने साथ लेकर यात्रा न करें।
क्या है सजा का प्रावधान?
रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत, किसी भी प्रतिबंधित वस्तु के साथ यात्रा करने पर यात्री पर ₹1000 तक का जुर्माना या तीन साल तक की सजा, या दोनों दी जा सकती हैं। चूंकि पटाखे प्रतिबंधित सामग्री की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इन्हें ट्रेन में ले जाना कानूनी अपराध माना जाएगा।
इसलिए, दिवाली की खरीदारी करते समय ध्यान रखें — आतिशबाज़ी का सामान ट्रेन में लेकर यात्रा करना न केवल गलत है, बल्कि खतरनाक भी है। सुरक्षित रहें, नियमों का पालन करें और त्योहार को जिम्मेदारी के साथ मनाएं।