Railway Ticket Rules : छठ पूजा के मौके पर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए ट्रेनों में सीटों की मारामारी देखने को मिलती है. इस समय ट्रेनों में यात्रा करने वालों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है जिससे टिकट बुकिंग में भी उतनी ही तेजी आती है.
आरएसी और वेटिंग टिकट का जोखिम
यात्रियों को अक्सर आरएसी टिकट मिल जाता है जो उन्हें यात्रा में आधी सीट की गारंटी देता है. हालांकि फेस्टिवल सीजन की भीड़भाड़ में यह आरएसी टिकट भी कन्फर्म न होकर वेटिंग लिस्ट में चला जाता है जिससे यात्रियों को बड़ी समस्या होती है.
ट्रेनों में आरएसी टिकट की व्यवस्था
रेलवे द्वारा आरएसी टिकट की व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि अगर कोई यात्री अपना टिकट रद्द करता है तो आरएसी टिकट धारक को कन्फर्म सीट मिल सके. लेकिन अगर अधिक कैंसिलेशन नहीं होते हैं तो यह टिकट आधी सीट के लिए ही सहायक रहता है.
ट्रेन के कोच में बदलाव का असर
कभी-कभार ट्रेन के किसी कोच को अंतिम समय पर अनफिट पाए जाने पर उसे हटा दिया जाता है. इससे रेलवे को आरएसी टिकट धारकों के लिए नए कोच जोड़ने पड़ते हैं जिससे सीटों की संख्या में भिन्नता आती है और आरएसी टिकट की स्थिति प्रभावित होती है.
अतिरिक्त कोच और उसके नतीजे
यदि अतिरिक्त कोच उपलब्ध नहीं हो पाते या उपलब्ध होने पर भी अगर वे कम सीटों वाले होते हैं तो आरएसी टिकट धारकों को आखिरी समय में वेटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है. यह ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए काफी निराशाजनक हो सकता है.
