Railway Water Update: गर्मियों में ट्रेनों में होने वाली पानी की समस्या को खत्म करने के लिए बनारस रेल मंडल प्रशासन ने क्विक वाटरिंग सिस्टम लागू किया है. इस नई तकनीक की मदद से 24 कोच वाली ट्रेनों में महज 5-6 मिनट में 48 हजार लीटर पानी भरा जा सकेगा. जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी.
बनारस, मऊ और छपरा स्टेशनों पर मिलेगी शुरुआत में सुविधा
क्विक वाटरिंग की सुविधा की शुरुआत पहले बनारस, मऊ और छपरा रेलवे स्टेशनों पर की जा रही है. पहले भी ट्रेनों में पानी प्रेशर से ही भरा जाता था. लेकिन नई व्यवस्था से समय की आधी खपत में पानी भरने का कार्य पूरा हो सकेगा. गर्मियों में होने वाला हंगामा भी अब कम होगा.
लंबी दूरी की ट्रेनों में अब नहीं होगी पानी की दिक्कत
लंबी दूरी की ट्रेनों में अक्सर थोड़े समय के ठहराव के कारण पानी पूरी तरह नहीं भर पाता. जिससे यात्रियों को परेशानी होती थी. अब क्विक वाटरिंग सिस्टम के ज़रिए हर कोच की 2000 लीटर की टंकी महज कुछ ही मिनटों में भर जाएगी. जिससे यात्रियों को सफर के दौरान भरपूर पानी मिलेगा.
पानी भरने की प्रक्रिया अब होगी स्मार्ट
नए सिस्टम में पानी भरने की प्रक्रिया टीवी स्क्रीन से जोड़ी गई है. जिससे पानी की उपलब्धता, प्रेशर, फ्लो और खपत जैसी जानकारियां रियल टाइम में स्क्रीन पर दिखाई जाएंगी. इससे रेलवे अधिकारी भी निगरानी रख सकेंगे और जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन ले सकेंगे.
एलएचबी कोच में बढ़ी टंकी क्षमता
आजकल ज्यादातर ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं. जिनमें 2000 लीटर की पानी टंकी होती है. जबकि पुराने कोच में यह क्षमता 1800 लीटर की होती थी. ऐसे में नई जरूरतों के अनुरूप क्विक वाटरिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीक की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
रेलवे अधिकारियों की राय
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार “बदलते वक्त और कोचों की संरचना के साथ यह जरूरी हो गया है कि पानी भरने की प्रक्रिया तेज और स्मार्ट हो. क्विक वाटरिंग सिस्टम उसी दिशा में एक जरूरी कदम है.”