Rain Alert : देश भर के इलाकों में लगातार तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही है। रोजाना बढ़ रहे तापमान की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी ने भी आने वाले दिनों के मौसम को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है तथा बताया है कि 25 जून तक कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। चलिए खबर में जानते आने वाले दिनों में आपके यहां कैसा रहने वाला है मौसम।
उत्तर भारत में रोजाना बढ़ रही गर्मी को देख मौसम विभाग की तरफ से बड़ा अपडेट जारी हुआ है तथा बताया है कि अगले 4 दिन तक कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। विभाग का कहना है कि गर्मी से परेशान लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। चलिए खबर में जानते हैं आने वाले दिनों में किन-किन राज्यों में हो सकती है बारिश।
बीतें कई दिनों में मध्य, पश्चिमी और पूर्वी भारत के बड़े हिस्से को स्पीड़ से कवर करने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अगले 24 घंटों में दिल्ली और हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
IMD द्वारा विस्तारित-सीमा-मॉडल के अनुसार (Monsoon Latest Updates) हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख सहित उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्सों में 20 जून से 25 जून के बीच बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।
मौसम विभाग ने जारी किया अपडेट
IMD के एक अधिकारी ने पुष्टि की है दिल्ली में आमतौर पर 30 जून तक मॉनसून दस्तक देता है लेकिन अबकी बार 22 जून तक दिल्ली में मॉनसून पहुंचने की आशंका है। IMD के विस्तारित-सीमा पूर्वानुमान के अनुसार, प्राथमिक वर्षा-असर वाली प्रणाली अगले हफ्ते देश के बाकी हिस्सों को कवर करेगी, जो सामान्य तिथियों से काफी पहले है। दक्षिण पश्चिमी मॉनसून (weather updates) 24 मई को केरल पहुंचा था। यह जो 2009 के बाद से पहली बार था जब मॉनसून ने समय से पहले भारत में दस्तक दी थी।
मौसम विभाग की मानें तो अगले 2 दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों और चंडीगढ़ व दिल्ली में मॉनसून (Monsoon in Delhi) के पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
तेज गर्मी और उमस
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत निम्न दबाव प्रणालियों की मदद से मॉनसून (Monsoon Latest Updates) अगले कुछ दिनों में तेजी से आगे बढ़ा। इसने 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर को कवर कर लिया था।
हालांकि, इसके बाद 29 मई से 16 जून तक करीब 18 दिनों तक यह रुका रहा। इस महीने की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई। इससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में लू की स्थिति पैदा हो गई।
17 जून को दो लो प्रेशर सिस्टम बनने की वजह से मॉनसून 16 जून से 18 जून तक तेजी से आगे बढ़ा। इसके साथ ही यह पश्चिम बंगाल पर और गुजरात में एक्टिव हो गया। मॉनसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में पहुंचता है।
11 जून तक यह मुंबई में दाखिल होता है और फिर आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। वहीं 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मॉनसून के आगमन की तिथि सीधे तौर पर कुल मौसमी बारिश से संबंधित नहीं है। केरल या मुंबई में जल्दी या देरी से आगमन का मतलब यह नहीं है कि देश के बाकी (chanes of rain) हिस्सों में भी इसी तरह की प्रगति हो रही है।
उनका कहना है कि मानसून जटिल वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों से प्रभावित होता है और इसमें महत्वपूर्ण परिवर्तनशीलता होती है।
अबकी बार होगी अच्छी बारिश
मई महीने में मौसम विभाग (IMD Latest Updates) ने अंदाजा लगाया था कि भारत में जून-सितंबर मॉनसून के मौसम (Monsoon season) के दौरान 87 सेमी की लंबी अवधि के औसत (LPA) की 106 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है। इस 50-वर्षीय औसत के 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है।
लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की (Chances Of rain) उम्मीद है।
पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मॉनसून (Monsoon Latest Updates) बहुत महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और JDP में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।
साथ ही यह पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जरूरी जलाशयों को फिर से भरने में भी खास भूमिका निभाता है।