Rajasthan Free Bijli: राजस्थान में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार Rajasthan Free Bijli योजना के तहत मुफ्त बिजली की सीमा बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
अब 100 यूनिट की बजाय 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का नया फॉर्मूला तैयार किया गया है। इस योजना को प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर उपभोक्ता को 1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव दिया गया है।
सोलर पैनल पर केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी
सरकार ने योजना के तहत उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।
फिलहाल केंद्र सरकार 30,000 रुपये तक की सब्सिडी दे रही है, जबकि बाकी की लागत राज्य सरकार वहन करेगी। इस पहल से न केवल बिजली बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का अधिक लाभ भी मिलेगा।
योजना के वित्तीय प्रबंधन के दो विकल्प
सरकार इस योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन के दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला विकल्प यह है कि संबंधित उपभोक्ता के नाम पर लोन लिया जाए, लेकिन उसकी पूरी अदायगी सरकार द्वारा की जाए।
दूसरा विकल्प यह है कि राज्य सरकार सीधे पूरी लागत वहन करे। ऊर्जा विभाग ने इस प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास भेज दिया है, जहां अंतिम मंजूरी दी जाएगी।
सोलर पैनल लगाने के लिए सामुदायिक व्यवस्था
जिन उपभोक्ताओं के घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने की जगह नहीं है, उनके लिए सामुदायिक सोलर पैनल की व्यवस्था की जाएगी।
इसके लिए नजदीकी विद्युत सब-स्टेशन, सामुदायिक केंद्रों या अन्य सरकारी स्थानों पर पैनल लगाए जाएंगे। सरकार इस योजना को 28 मार्च से लागू कर सकती है।
हर माह 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली का फायदा
एक किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल रोजाना 4 से 5 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। इस हिसाब से महीने में अधिकतम 150 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। इसी आधार पर सरकार 1 किलोवाट पैनल की लागत वहन करने की योजना बना रही है।
फिलहाल 96 लाख उपभोक्ताओं को मिल रही सब्सिडी
वर्तमान में राजस्थान सरकार करीब 96 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को सालाना 5600 करोड़ रुपये की मुफ्त बिजली दे रही है। इसमें अधिकतम छूट 562.50 रुपये प्रति माह तक दी जा रही है। इनमें से 62 लाख उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिल रहा है।
योजना का ड्राफ्ट वित्त विभाग को भेजा गया
ऊर्जा विभाग ने Rajasthan Free Bijli योजना का ड्राफ्ट वित्त विभाग को भेज दिया है। इसमें केंद्र सरकार की सब्सिडी के बाद बाकी अंतर राशि को राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना के जल्द मंजूर होने की उम्मीद है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राहत मिलेगी।