Rajasthan News : राजस्थान में इस साल मूंगफली की बंपर पैदावार हुई है, जिससे राज्य के किसान खुश हैं। राजस्थान से मूंगफली की सप्लाई पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में की जा रही है। सरकार ने फसलों की खरीद और सप्लाई के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की हैं। आइए खबर में जानते है मूंगफली की कीमतों को लेकर जारी हुए ताजा अपडेट।
मंडियों में मूंगफली की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान की सबसे बड़ी मूंगफली की सबसे बड़ी मंडी बीकानेर में लगभग रोजाना की 15000 बोरी मूंगफली की आवक शुरू हो गई है। बीकानेर मंडी के इलाके में अबकी बार लगभग 3 लाख बोरी मूंगफली का उत्पादन रहने का अंदाजा सामने आया है। प्रतिलिपि का उत्पादन की अगर बात की जाए तो वह भी 7 से 9 क्विंटल के बीच रह रहा है। लेकिन MSP 7263 रुपए प्रति क्विंटल और मंडी भाव में करीब दो हजार रुपए प्रति क्विंटल का फर्क है। अभी सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। जिसका सीधा नुकसान किसान को हो रहा है।
दीपावली के त्यौहार पर मूंगफली की आवक मंडियों में जोर पकड़ लेगी। बीकानेर मंडी के इलाके में पैदा मूंगफली प्रदेशभर में काम आती है। यहां से पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार और उत्तरप्रदेश के व्यापारी भी खरीद कर ले जाते है। गुजरात के बाद देश में राजस्थान मूंगफली दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक (largest producer) है। 
बीकानेर से पड़ोसी देशों को मूंगफली निर्यात (Peanut export to neighboring countries) भी होती है। अभी पाकिस्तान से व्यापार बंद होने, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के आर्थिक हालात ठीक नहीं होने का असर निर्यात पर पड़ रहा है। इस बार कनाडा, मलेशिया, इंडोनेशिया सहित कई देशों में मूंगफली निर्यात के अनुबंध व्यापारी कर रहे है।
सरकार बेच रही जमा पड़ी मूंगफली 
मूंगफली को सरकारी खरीद करके गोदामों में रखा जाता है। बाद में बाजार महंगाई नियंत्रण के हिसाब से सरकार कम रेट पर वापस बेचती है। मूंगफली सीजन अब शुरू हो रहा है वहीं दूसरी तरफ सरकार जमा पड़ी मूंगफली को बेच रही है। 
फिलहाल पिछले साल की करीब 20 लाख बोरी सरकार के पास है जिससे 5500 से 5900 रुपए के भाव पर बेचा जा रहा है। से में नई मूंगफली भी खुली बोली पर इस भाव से ऊपर नहीं जा रही। इसका घाटा किसान भुगत रहे है।
 
मूंगफली की आवक
अनाज मंडी बीकानेर (grain market bikaner) में इस साल 1.25 करोड़ बोरी मूंगफली की आवक (arrival of peanuts) रहने का अनुमान है। जिले की अन्य मंडियां ऊन मंडी, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरनसर, नोखा, छतरगढ़, खाजूवाला, बज्जू, नापासर में भी 50 लाख बोरी से ज्यादा माल आएगा। 
आस-पास सरदारशहर, श्रीबिजयनगर, नागौर आदि में भी मूंगफली की आती है। गोटा-तेल मील वाले भी किसान से सीधी खरीद कर लेते है। स्थानीय खपत, सिकाई, बीज और किसान के स्टॉक को जोड़ने पर कुल आंकड़ा तीन करोड़ बोरी के आस-पास बैठता हैं।
बीकानेर मंडी में कारोबार पर एक नजर
अप्रेल 2024 से मार्च 2025 तक
कुल आवक – 20 लाख 18 हजार 429 क्विंटल
राशि – 101588.72 लाख रुपए
पिछले साल 70 लाख बोरी मूंगफली सरकार ने खरीदी
सीजन के लिए व्यवस्था पूरी
माना जा रहा है कि दिवाली पर मूंगफली सीजन जोर पकड़ेगा और मंडियों की आवक बढ़ जाएगी। स्ट्रीट लाइटें, कैमरे, ट्रैफिक नियंत्रण की व्यवस्था (traffic control system) कर रहे है। किसानों के लिए मूलभूत सुविधाएं (Basic facilities for farmers) भी मंडी में रहेगी। मूंगफली से मंडी और सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है। ऐसे में किसानों को अधिकतम भाव और सरकारी खरीद में पारदर्शिता का पूरा प्रयास करेंगे।
मूंगफली सीजन इस बार अच्छा
बीतें सालों के मुताबिक इस बार मूंगफली का उत्पादन (peanut production) और क्वालिटी दोनों अच्छी है। प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ कर सरकारी खरीद (government procurement of peanuts) में पारदर्शिता की आवश्यकता है। दिवाली के बाद व्यापारी दो बोली सामांतर शुरू कर देंगे। रोजाना एक से सवा लाख बोरी की खरीद करेंगे। बोली में 80 से 100 व्यापारी रहेंगे, जिससे किसान को भाव सही मिल सके। 
अंदाजा लगाया जा रहा है कि पूरे इलाके में मूंगफली उत्पादन (peanut production) का 2.5 से 3 करोड़ बोरी का रहेगा। अबकी बार प्रदेश की सबसे बड़ी मूंगफली मंड़ी (biggest peanut market) बीकानेर के चारों गेट खोलने की आवश्यकता है। इस बार सरकार प्रति किसान 25 की जगह 40 क्विंटल मूंगफली खरीद करेगी। बंटाईदार भी माल बेच सकेंगे। 
अभी 4500 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव (peanut prices) है। MSP 7263 रुपए प्रति क्विंटल है। किसान को करीब 2000 रुपए प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। बिचोलिए किसान से माल खरीद कर गलत तरीके से सरकारी खरीद में माल बेचने का प्रयास कर सकते है। 15 अक्टूबर के बाद सरकारी खरीद शुरू होने पर किसान को फायदा होगा।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		