नई दिल्ली। जयपुर में अब इकोलॉजिकल जोन को नए रूप से बसाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। जिसके ले राज्य सरकार अब इस क्षेत्र में बसी आबादी को एजुकेशन, हेल्थ और अन्य जन उपयोगी जैसा सुविदाएं देकर असका विस्तार करेगी।
राज्य सरकार ने इकोलॉजिकल जोन में जन उपयोगी गतिविधियों को नया रूप देकर उसका विस्तार करने की अनुमति दे दी है, हालांकि, ऐसे क्षेत्रों में कुल जमीन के 20 फीसदी हिस्से पर ही नवनिर्माण किया जा सकेगा, वो भी अधिकतम तीन मंजिला भवनो का निर्माण किए जाने की अनुमति होगी, बाकी बचे हुए 80 फीसदी भाग के आधे भाग में सघन वृक्षारोपण करना होगा।
इस संबंध में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने इस आदेश को जारी करते हुए निर्देश दिया है कि अनुमति मास्टर प्लान 2011 में शामिल इकोलॉजिकल एरिया में बसी ग्रामीण आबादी के लिए ही यह कार्य लागू होगा।
राजस्थान नगरीय विकास विभाग ने जयपुर मास्टर प्लान 2011 के अनुसार इकोलॉजिकल क्षेत्र में बसे राजस्व ग्रामों और वहां की आबादी को जनउपयोगी सुविधाओं को वहां तक पंहुचाने के लिए हरी झंडी दे दी है। अब यह क्षेत्र फिर से हरा भरा हो जाएगा।
जिसके तहत इस जगह को फिर से नई दिसा मिलेगी। लोगों को हो रही चीजों की कमी को पूरा करन के लिए इस जगहों पर सरकारी शैक्षिक संस्थान, चिकित्सा संस्थान और अन्य जन उपयोगी गतिविधियों पर काम किया जाएगा।