Rajasthan News : राजस्थान के लोगो के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। रेलवे मंत्रालय की ओर से राजस्थान को एक बड़ी सौगात दी जा रही है। रेलवे मंत्रालय की ओर से प्रदेश में अब , वंदे भारत के कोच मेंटेनेंस डिपो (coach maintenance depot ) का विस्तार किया जाने वाला है और इसके लिए 195 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
रेलवे मंत्रालय की ओर से अब राजस्थान में वंदे भारत के कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तारीकरण को लेकर बड़ी सौगात दी जा रही है। राजस्थान (Rajasthan News) में अब वंदे भारत के कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तारीकरण को लेकर 195 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है। इससे इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कही ये बात
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) की ओर से जोधपुर में जो वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो का विस्तार किया जा रहा है, उसके लिए 195 करोड़ के प्रोजेक्ट को बीते दिनों हरी झंडी दिखा दी गई है। बता दें कि स्वीकृत राशि से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के मेंटेनेंस (Maintenance of Vande Bharat sleeper trains) डिपो के विस्तार का मार्ग खुल गया है और साथ ही बहुद्देश्यीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का भी नया मार्ग खुला है।
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड को 195 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेज दिया गया था। इस ट्रेनिंग सेंटर के बनाने से वंदे भारत समेत सभी हाई स्पीड ट्रेनों के रखरखाव वाले इंजीनियरों को ट्रेनिंग की सर्विस भी जोधपुर में ही मिल सकेगी।
रेल मंत्री ने तैयार किया इतना बजट
जोधपुर मंडल के डीआरएम का कहना है कि भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो (Vande Bharat Coach Maintenance Depot) का कार्य जारी है। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में बहुद्देश्यीय,आधुनिक और आवासीय ट्रेनिंग सेंटर को बनाना प्रस्तावित करने का प्लान है, जहां वंदे भारत बेड़े की सभी ट्रेनों के रख रखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उससे जुड़े इंजीनियरों व सहायक कर्मचारियों को उच्च मानकों वाली ट्रेन मशीनरी संभालने की ट्रेनिंग भी दी जाने वाली है। बजट की बात करें तो इसके लिए रेल मंत्री ने 195 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है।
अब जोधपुर बनेगा हाई स्पीड रेल का मुख्य बिंदू
इसके द्वितीय चरण में मेंटेनेंस डिपो और प्रशिक्षण केंद्र में खास विभाग शामिल होंगे। बता दें कि इनमे हर विभाग अलग-अलग तकनीकी और परिचालन क्षेत्रों के लिए समर्पित किया जाएगा। इसके साथ जोधपुर देश के हाई स्पीड रेल पारिस्थितिकी तंत्र (High Speed Rail Ecosystem) में महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
बता दें कि रेल क्षमताओं को सर्वोत्तम रखरखाव, सुविधा, केंद्रीकृत संचालन और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण अवसंरचना का संयोजन सशक्त तो बनाएगा ही और साथ ही भारतीय रेलवे की फ्यूचर की तैयारी के लिए नए मानक भी स्थापित करेगा।
कौन कर रहा है भारत स्लीपर ट्रेनों का रखरखाव
जैसे ही कोच मेंटेनेंस डिपो (Coach Maintenance Depot) चालू हो जाता है तो इससे यह डिपो भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के संपूर्ण रख रखाव का काम संभालने वाला है। इसका फायदा यह होगा की इससे  परिचालन सुव्यवस्थित हो सकेगा। इससे यात्रियों को बेहतर गति व सुविधा के साथ ही सेवा विश्वसनीयता और टर्नअराउंड समय में भी सुधार हो सकेगा।
सिर्फ इतना ही नहीं रेल परिचालन (rail operations) की समग्र दक्षता भी बढ़ सकेगी। भगत की कोठी का निर्माण कार्य एडवांस में चल रही है। बता दें कि यह रेलवे पर अपनी तरह का पहला डिपो होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने रखी थी नींव
लागत की बात करें तो भगत की कोठी में स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के मेंटेनेंस (Maintenance of Vande Bharat trains) के लिए 167 करोड़ रुपए की लागत तैयार की गई है। इससे वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो की नींव प्रधानमंत्री ने 16 फरवरी 2024 को ही रख दी थी और इसका निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है।
जानिए किन-किन सुविधाओं का होगा विस्तार
दरअसल, आपको बता दें कि भगत की कोठी में मेंटेनेंस (Maintenance at Bhagat Ki Kothi) कम वर्कशॉप डिपो के दूसरे चरण में मेंटेनेंस सुविधाओं के विस्तारीकरण में इंस्पेक्षन बे-लाइन पर कवर्ड शेड़, वृह्द कवर्ड वर्कशॉप क्षेत्र का विकास, ओएचई सुविधा युक्त पिट लाइन का निर्माण कार्य किया जाएगा और  पिट व्हील मेंटेनेंस का विस्तार व सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण आदि कई कार्य किए जाने वाले हैं।
मेंटेनेंस सह वर्कशॉप डिपो का फायदा
वर्कशॉप डिपो के निर्माण (Construction of Workshop Depot) से लोगों को कई लाभ मिलेंगे। इससे एक ही जगह से कई तकनीक युक्त स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के मेंटेनेंस की सुविधा मिल सकेगी। बता दें कि इस अत्याधुनिक तकनीक के यूज से संरक्षा में इजाफा होगा। अगर अनुरक्षण सुविधा बेहतर होती है तो इससे अधिक ट्रेनों के संचालन की क्षमता बढ़ सकेगी और अधिक ट्रेनों के संचालन से क्षेत्र में रेल कनेक्टीविटी पहले से कही ज्यादा मजबूत होगी। इसके साथ ही इसके निर्माण से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक तरह के रोजगारों का लोगों को अवसर मिलेगा।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		