Rajasthan News: राजस्थान सरकार (Rajasthan Sarkar) ने खदानों के बाहर खड़े मलबे के पहाड़ को खत्म करने का फैसला किया है। इसके लिए राजस्थान के बजट (Rajsthan Budget) में इसे शामिल किया गया है।
राजस्थान सरकार (Rajasthan Sarkar) ने खदानों के बाहर खड़े मलबे के पहाड़ को खत्म करने का फैसला किया है। इसके लिए राजस्थान के बजट (Rajsthan Budget) में इसे शामिल किया गया है। ओवरबर्डन से एम-सेंड बनाने के लिए काम करने पर 50 प्रतिशत रॉयल्टी छूट दी गई है, साथ ही गैर सरकारी जमीन पर काम करने पर 50 प्रतिशत रॉयल्टी छूट दी गई है। सरकार के इस निर्णय से राज्य में खड़े मलबे के पहाड़ों को समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं पर्यावरण सुधरेगा।
गत 18 जनवरी के अंक में इस मुद्दे को “माइनिंग का मलबा उगलेगा सोना, सरकार ने सुझाव मांगे” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। सरकार ने इन पहाड़ों को समाप्त करने के लिए सड़क निर्माण या अन्य उद्देश्यों में उनका उपयोग करने का सुझाव भीलवाड़ा से मांगे गए थे। rajasthan news
बिजौलियां पहाड़ियों में सेंडस्टोन की खदानें हैं। यहां खदान से निकाले गए पत्थर के टुकड़ों को विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया जाता है। इनके पहाड़ों का विस्तार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में हुआ है। खनन करने वालों ने खनिजों को वहीं छोड़ दिया। खनिज विभाग ने मालिकों को भूमि को समतल करने की अनुमति नहीं दी। नतीजतन, जहां पहले पहाड़ थे, वहां गहरी खाइयां बन गईं, और जहां समतल जमीन थी, वहां खनन से निकले पत्थरों की पहाड़ियां बन गईं। (Rajsthan Govt)
प्रदेश के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अलवर, जयपुर, जोधपुर, बालोतरा, कोटा, बूंदी और अन्य जिलों में अवैध खनन के चलते मलबे की भारी मात्रा है, जो कानूनों को ताक पर रख रहा है। सबसे अधिक खनन भीलवाड़ा जिले के माण्डलगढ़-बिजौलियां क्षेत्र में होता है। इसके अलावा, शहर के अन्य भागों में भी खदानें हैं। वहां भी अधिकांश खनन कानूनों को ताक में रखा गया है। खनिज उत्खनन के बाद बचे हुए मलबे को जगह-जगह फेंका जाता है।
खदानों के बाहर सरकारी जमीन पर एकत्रित ओवरबर्डन से एम-सेंड बनाने पर रॉयल्टी में छूट दी गई है। गैर सरकारी जमीन पर पड़े एम-सेंड सहित अन्य प्रयोजनार्थ उपयोग पर रॉयल्टी में 50% की छूट दी गई। भीलवाड़ा खनिज विभाग की विजिलेंस टीम ने ये सुझाव दिए थे।