राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी कार्मिक विभागों को पिछले 5 वर्षों में भर्ती हुए सारे कार्मिकों के दस्तावेजों की गहन जांच करने के आदेश जारी किए हैं। यह फैसला राज्य में पेपर लीक और भर्ती प्रक्रिया में धांधली के मामले सामने आने के बाद लिया गया है।
आंतरिक कमेटी करेगी जांच
सभी विभागों में आंतरिक कमेटी गठित कर इस बात की जांच की जाएगी कि विगत 5 वर्षों में की गई भर्तियों में कहीं फर्जी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज तो प्रस्तुत नहीं किए गए। आदेश के अनुसार यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा देने वाला और नौकरी करने वाला व्यक्ति एक ही है या नहीं।
फर्जी शैक्षणिक योग्यता और डमी कैंडिडेट
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि पिछली भर्तियों में लगातार धांधली के मामले सामने आ रहे हैं। कई अभ्यर्थियों ने फर्जी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज प्रस्तुत कर और डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाकर सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। इस कारण राज्य में भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
संदिग्ध कार्मिकों की जांच
आदेश में यह भी कहा गया है कि भर्ती किए गए कर्मचारियों के शैक्षणिक पात्रता के दस्तावेज, आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर आदि की भली-भांति जांच की जाए। जांच के उपरांत जिन कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में सूचनाएं संदिग्ध पाई जाएं। उनकी सूचना विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को उपलब्ध कराई जाए।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता
राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी विभाग इस जांच प्रक्रिया को गंभीरता से लें और इसे शीघ्रता से पूरा करें। इससे राज्य की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।