Rajasthan Railway : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि राजस्थान में 260 KM लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी. सीमावर्ती सुरक्षा बलों की आवाजाही को सुगम बनाएगी। औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगी… आइए नीचे खबर में जान लेते है इससे जुड़ी पूरी डिटेल-
पश्चिमी सीमा पर खाजूवाला से जैसलमेर तक नई रेल पटरी बिछाई जाएगी। भारतीय रेलवे ने इस 350 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए 6.50 करोड़ रुपये के बजट के साथ फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना सामरिक (project strategic), सामाजिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही पर्यटकों की आवाजाही भी आसान होगी। इस रेल खंड का जल्द ही सर्वे शुरू किया जाएगा।
सीमा क्षेत्र को मिलेगी सीधी रेल कनेक्टिविटी-
जैसलमेर और खाजूवाला (Jaisalmer and Khajuwala) के बीच प्रस्तावित 260 किलोमीटर की नई रेल लाइन, श्रीगंगानगर को गुजरात के भुज से सीधे जोड़ेगी। यह मार्ग पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र में रेल नेटवर्क को मजबूत करेगा। इस प्रोजेक्ट से पहले, अनूपगढ़, बीकानेर और खाजूवाला के बीच का सर्वे पूरा हो चुका है, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
सामरिक दृष्टि से अहम होगी रेल लाइन-
गौरतलब है कि केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल लंबे समय से खाजूवाला को जैसलमेर व बीकानेर से जोड़ने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनका मानना है कि यह परियोजना सामरिक दृष्टि से अहम होगी। सीमावर्ती सुरक्षा बलों की आवाजाही को सुगम बनाएगी। औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगी। खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने भी सर्वे स्वीकृति पर केंद्र का आभार जताया है।
यहां पहली बार आएगी रेल-
खाजूवाला, छतरगढ़ और अनूपगढ़ जैसे कस्बों के हजारों लोग आज भी रेल से पूरी तरह कटे हुए हैं। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर होने के कारण यातायात के लिए निजी बसों पर निर्भरता बनी हुई है। नई रेललाइन से इन ग्रामीण क्षेत्रों को सीधी सुविधा मिलेगी, जिससे यात्रियों को फलौदी, रामदेवरा, जैसलमेर और बाड़मेर तक जाने में आसानी होगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से रणनीतिक कदम-
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत की पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बन गई है। अनूपगढ़-खाजूवाला-जैसलमेर रेल लिंक का निर्माण, सैन्य और नागरिक यातायात को सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से और निर्बाध रूप से ले जाने में मदद करेगा, जिससे भविष्य की चुनौतियों का सामना करना आसान होगा। यह रेल लिंक रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
रेल नेटवर्क की रीमैपिंग में राजस्थान की भूमिका-
राजस्थान (rajasthan) में इस समय पश्चिमी सीमा से लगते इलाकों में रेलवे का पुनर्संरचना (restructuring of railways) कार्य तेज़ी पर है। बीकानेर-श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ के बाद अब खाजूवाला-जैसलमेर लिंक प्रदेश के रेल नक्शे में बड़ा विस्तार जोड़ने जा रहा है।
संभावित जिले जिनसे यह रेल लाइन गुजर सकती है-
बीकानेर जिला-
खाजूवाला इसी जिले में स्थित है, इसलिए रेल लाइन यहीं से शुरू होगी।
श्रीगंगानगर जिला-
कुछ हिस्सा श्रीगंगानगर जिले को भी छू सकता है।
बाड़मेर और जैसलमेर जिला-
रेल लाइन से बाड़मेर और जैसलमेर जिले के लोगों को भी लाभ मिलेगा।
खाजूवाला-जैसलमेर रेल लाइन क्यों अहम हो सकती है?
– सामरिक दृष्टिकोण से भारत-पाक सीमा के नजदीकी क्षेत्रों को जोड़ना।
– पर्यटन को बढ़ावा देना (जैसलमेर के लिए आसान संपर्क)
– फसल और अन्य सामान की आवाजाही के लिए बेहतर विकल्प।