Rajasthan Rain Alert: राजस्थान में मानसून अब पूरी गति से सक्रिय हो चुका है, और इसकी पहली प्रभावशाली लहर राज्य के अधिकतर जिलों में पहुंच चुकी है. राजधानी जयपुर सहित कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है, जिससे तापमान में गिरावट और मौसम में ठंडक आई है. मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को मौसम में अचानक बदलाव के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है.
कहां-कहां जारी हुआ है येलो और ऑरेंज अलर्ट?
22 जून को राजस्थान के 26 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसमें शामिल हैं –
अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सीरोही, टोंक, उदयपुर, चूरू, नागौर और पाली. इन जिलों में मेघगर्जन, बिजली गिरने और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है.
23 जून को बढ़ेगा खतरा, कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट
23 जून को मौसम विभाग ने फिर चेतावनी जारी की है. इस दिन निम्नलिखित जिलों में येलो अलर्ट रहेगा – अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सीरोही, उदयपुर, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, हनुमानगढ़, जालोर, श्रीगंगानगर. वहीं सवाई माधोपुर, टोंक और बूंदी में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है. जिसका मतलब है कि यहां भारी बारिश की अधिक संभावना है.
पिछले 24 घंटे में कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश?
पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान के कई जिलों में जमकर बारिश हुई. मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के मुताबिक 5 स्थानों पर 100 मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है:
बिजोलिया (भीलवाड़ा) – 114 मिमी
रामगंजमंडी (कोटा) – 112 मिमी
शाहपुरा (भीलवाड़ा) – 110 मिमी
दानपुर (बांसवाड़ा) – 107 मिमी
निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) – 100 मिमी
इस भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया और स्थानीय नालों व जलाशयों में जलस्तर बढ़ा दिया है.
जयपुर से कोटा तक बारिश का असर
राजधानी जयपुर सहित कोटा, भीलवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और दौसा जैसे इलाकों में रुक-रुक कर तेज बारिश देखने को मिल रही है. इन इलाकों में भीषण उमस और गर्मी के बाद मौसम राहत भरा हो गया है.
अगले चार दिनों तक राहत और चुनौती दोनों
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक बारिश का यह दौर जारी रह सकता है. इससे जहां खरीफ की फसलों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा. वहीं भूस्खलन, जलजमाव और बिजली गिरने जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं.
क्या करें और क्या न करें
प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे खुले इलाकों में बिजली गिरने के समय न जाएं. निचले इलाकों में जलजमाव से सावधानी बरतें और किसी भी मौसम आपात स्थिति में स्थानीय आपदा कंट्रोल रूम से संपर्क करें.