Ration Distribution June 2025: झारखंड सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित करीब 60 लाख गरीब परिवारों को बड़ी राहत दी है. जुलाई माह के राशन वितरण की अवधि को अब 15 दिन और बढ़ाकर 30 जून 2025 तक कर दिया गया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है. क्योंकि पीडीएस डीलरों को समय पर अनाज नहीं मिल पाया. जिससे राशन वितरण में देरी हो रही थी.
पहले 15 जून तक थी डेडलाइन
सरकार ने जून की शुरुआत में ही यह योजना बनाई थी कि जून और जुलाई माह का राशन 15 जून तक वितरित कर दिया जाए. इसके बाद 16 से 30 जून तक अगस्त माह का राशन वितरण तय किया गया था. लेकिन जमीन पर स्थिति अलग रही और वितरण की तय समयसीमा पूरी नहीं हो सकी.
अगस्त के राशन की आपूर्ति में अभी भी देरी
पीडीएस डीलरों को 31 मई तक जून-जुलाई का राशन भेजा जाना था. जबकि 15 जून तक अगस्त माह का राशन भेजने का निर्देश था. लेकिन विभागीय स्तर पर विलंब के कारण अभी तक अधिकांश डीलरों तक अगस्त माह का राशन पहुंचा ही नहीं है. यही कारण है कि पूरा शेड्यूल प्रभावित हुआ है और वितरण समयसीमा बढ़ानी पड़ी.
अब तक कितनी हुई राशन की आपूर्ति?
खाद्य आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 88 प्रतिशत लाभुकों को जून माह का राशन वितरित किया जा चुका है. वहीं, 67 प्रतिशत लाभुकों को जुलाई माह का राशन मिल चुका है. लेकिन अगस्त माह का राशन वितरण अभी शुरू नहीं हुआ है. जिससे सरकार की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं.
मॉनसून को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
झारखंड में मॉनसून के कारण दूरदराज के इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो सकता है. इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था कि गरीबों को जून में तीन महीने का राशन – जून, जुलाई और अगस्त – अग्रिम रूप से बांटा जाए. लेकिन लॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण यह योजना अब तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाई है.
क्या है विभाग की अगली योजना?
खाद्य आपूर्ति विभाग अब यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि 30 जून तक सभी लाभुकों को जुलाई और अगस्त का राशन मिल जाए. इसके लिए जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वितरण में तेजी लाएं और समय पर रिपोर्ट भेजें. डीलरों से भी कहा गया है कि वे वितरण प्रक्रिया को प्राथमिकता दें.
डीलरों की समस्याएं बनीं बाधा
रांची सहित कई जिलों से पीडीएस डीलरों की शिकायतें आईं. जिनके अनुसार उन्हें स्टॉक समय पर नहीं मिल पाया. कई जगहों पर गोदामों से राशन उठाव में भी देरी हुई. ऐसे में लाभुकों तक राशन पहुंचना प्रभावित हुआ. जिससे सरकार को समयसीमा बढ़ानी पड़ी.
गरीबों को मिली थोड़ी राहत, लेकिन चुनौतियां बरकरार
हालांकि सरकार का यह कदम 60 लाख गरीब परिवारों के लिए राहतकारी है. लेकिन यह भी स्पष्ट करता है कि जन वितरण प्रणाली (PDS) में कई ढांचागत कमियां हैं. जिन्हें दूर करना बेहद जरूरी है. अगर समय पर राशन नहीं पहुंचा तो गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा.