RBI Loan Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गोल्ड लोन को लेकर बनाए गए नए मसौदा नियमों पर वित्त मंत्रालय ने अपनी चिंता जाहिर की है. मंत्रालय का मानना है कि ये नियम छोटे और ग्रामीण कर्जदारों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं. इसलिए आरबीआई से समय बढ़ाने और राहत देने की सिफारिश की गई है.
छोटे कर्जदारों के लिए DFS ने रखी सिफारिश
वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services – DFS) ने RBI को सुझाव भेजे हैं कि 2 लाख रुपये से कम के गोल्ड लोन को इन नए नियमों से छूट दी जाए. इसका उद्देश्य छोटे किसानों, दुकानदारों और आम जरूरतमंद लोगों को राहत देना है, ताकि वे बिना रुकावट के अपना सोना गिरवी रखकर जल्दी और आसान लोन ले सकें.
कब से लागू हो सकते हैं नए नियम?
DFS ने आरबीआई से अनुरोध किया है कि इन नए नियमों को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए. इससे बैंकों और एनबीएफसी (NBFCs) को जरूरी बदलाव लागू करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा. ये सुझाव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में तैयार किए गए हैं.
क्यों जारी किए गए नए नियम?
RBI ने अप्रैल 2025 में गोल्ड लोन से जुड़े ड्राफ्ट नियम जारी किए थे. दरअसल, हाल ही में हुई एक संयुक्त समीक्षा में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं. जिनमें शामिल थीं. LTV रेशो पर कमजोर निगरानी, गोल्ड वैल्यूएशन में खामियां, एजेंटों का अनुचित इस्तेमाल, नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी. इन खामियों को दूर करने के लिए RBI ने गोल्ड लोन गाइडलाइंस को सख्त करने की योजना बनाई है.
ड्राफ्ट नियमों की मुख्य बातें
नए नियमों में कुछ अहम प्रावधान इस प्रकार हैं:
- गोल्ड लोन पर अधिकतम LTV (Loan-to-Value) रेशो 75% तक सीमित रहेगा, जिसमें ब्याज भी शामिल होगा.
- बुलेट रिपेमेंट लोन के लिए यह सीमा घटाकर 55-60% तक कर दी जाएगी, जो पहले 65-68% थी.
- EMI आधारित लोन जिनमें मूलधन पहले चुकता होता है. EMI आधारित लोन में थोड़ी अधिक LTV की अनुमति होगी.
- बैंकों के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो पर समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.
आगे क्या होगा?
RBI इन नियमों पर जनता और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा कर रहा है. इसमें DFS के सुझाव भी शामिल हैं. अंतिम नियमों की घोषणा सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी. जिससे खासतौर पर छोटे और ग्रामीण कर्जदारों को राहत मिल सकती है.