भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को नए नियम जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) से जुड़े हैं। इन नए नियमों के तहत, एनबीएफसी को जमा स्वीकार करने के पहले तीन महीनों के भीतर बिना कटौती के 100 प्रतिशत राशि लौटानी होगी।
आपात स्थिति में होगा निकासी का प्रावधान
भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह भुगतान तभी संभव होगा जब जमाकर्ता किसी आपात स्थिति का हवाला देंगे। केंद्रीय बैंक ने इसे नियमों की समीक्षा का हिस्सा बताया और कहा कि ऐसे मामलों में समय से पहले निकासी पर किसी तरह का ब्याज नहीं दिया जाएगा। यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगे।
IREDA की परिभाषा होगी मानक
इस मामले में RBI ने और स्पष्ट किया कि इरडा द्वारा निर्धारित गंभीर बीमारी की परिभाषा के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कोई अनुरोध इस छूट की श्रेणी में आता है या नहीं।
आपातकालीन स्थिति में जमा वापसी पर खुलासा
RBI ने आगे कहा कि आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सा संबंधी जरूरत या प्राकृतिक आपदाओं को शामिल किया गया है। इसके तहत, गंभीर बीमारी के मामलों में जमा वापस लिया जा सकता है।
तीन महीने के भीतर निकासी पर 50% की सीमा
अगर आपात स्थिति नहीं है और जमा के तीन महीने के भीतर समयपूर्व निकासी की मांग की जाती है, तो एनबीएफसी बिना ब्याज दिए जमा राशि का केवल 50 प्रतिशत तक भुगतान कर सकते हैं। यह राशि 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
ब्याज की शर्तें
इस स्थिति में जमाकर्ताओं को कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस तरह के नियमों को लागू कर RBI ने जमाकर्ताओं को आपात स्थितियों में राहत प्रदान करने का प्रयास किया है।