RBI New Rule 2025: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नई गाइडलाइन का असर अब देशभर में दिखने लगा है. दिसंबर 2024 तक जहां 65% एटीएम से छोटे नोट निकलते थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 73% तक पहुंच चुका है. इसका सीधा फायदा आम जनता को हो रहा है, खासकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को.
छोटे लेनदेन के लिए बड़ी राहत
RBI का मुख्य उद्देश्य यही है कि रोजमर्रा के लेन-देन में छोटे नोटों की कमी न हो. अक्सर लोगों को दुकान या बाजार में बड़े नोट तुड़वाने में परेशानी होती है. अब जब एटीएम से ही ₹100 और ₹200 के नोट मिलने लगे हैं, तो यह बदलाव आम जनता के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.
CMS इंफो सिस्टम्स ने दी अहम जानकारी
भारत की सबसे बड़ी नकदी प्रबंधन कंपनी CMS इंफो सिस्टम्स के अनुसार देश में कुल 2.15 लाख एटीएम में से लगभग 73,000 एटीएम का संचालन वही करती है. कंपनी के नकदी प्रबंधन प्रमुख अनुश राघवन ने बताया कि आज भी देश में 60% उपभोक्ता खर्च नकद में होता है. खासकर गांवों और छोटे शहरों में यह संख्या और भी अधिक है.
छोटे शहरों और गांवों में कैश की ज़रूरत अधिक
ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट की पहुंच भले ही बढ़ रही हो. लेकिन अभी भी नकद भुगतान ही प्रमुख माध्यम है. ऐसे में एटीएम से ₹100 और ₹200 के नोट मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में सुगमता आएगी. दुकानदारों, किसानों और मजदूर वर्ग के लिए यह सुविधा बेहद उपयोगी होगी.
RBI ने तय किया स्पष्ट लक्ष्य
अप्रैल 2025 में जारी एक सर्कुलर में RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे 30 सितंबर 2025 तक 75% एटीएम में कम से कम एक कैसेट को ₹100 या ₹200 के नोटों के लिए अनिवार्य करें. इसके बाद 31 मार्च 2026 तक यह संख्या बढ़ाकर 90% एटीएम तक ले जानी होगी.
कैसेट प्रणाली से आसान होगा नोटों का वितरण
ATM में नोटों के लिए अलग-अलग कैसेट होते हैं. जिनमें विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट डाले जाते हैं. RBI के निर्देशों के अनुसार बैंकों को एक कैसेट अनिवार्य रूप से कम मूल्यवर्ग (₹100 या ₹200) के लिए रखना होगा. जिससे सुनिश्चित हो सके कि हर एटीएम से छोटे नोटों की निकासी संभव हो.
उपभोक्ताओं को मिल रहा लाभ
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को हो रहा है. जिन्हें रोजमर्रा के खर्च के लिए छोटे नोटों की ज़रूरत पड़ती है. इसके अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी अब खुले पैसे की किल्लत कम होगी.
बैंकों की जिम्मेदारी बढ़ी
RBI के निर्देश के बाद अब बैंकों को अपनी एटीएम व्यवस्था में बदलाव करना पड़ रहा है. उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि तय समयसीमा के भीतर अपने अधिकांश एटीएम को छोटे नोट देने लायक बनाया जाए. साथ ही नोटों की समय पर आपूर्ति और कैसेट मैनेजमेंट की प्रक्रिया भी सशक्त करनी होगी.

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		