RBI Rule: बैंक खाते में अपनी जमा पूंजी रखना आज आम बात है, लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके खाते में या तो बहुत कम रकम होती है या बिल्कुल नहीं. ऐसी स्थिति में अक्सर मिनिमम बैलेंस बनाए रखने का नियम टूट जाता है, जिससे ग्राहक यह सोचने लगते हैं कि कहीं बैंक उनके खाते को माइनस में तो नहीं कर देगा.
खाते को माइनस में करने को लेकर ग्राहकों की चिंता
जब मिनिमम बैलेंस नहीं रखा जाता, तो कई बार ग्राहकों को लगता है कि बैंक जुर्माना लगाकर उनके खाते से पैसे काटता जाएगा और खाता माइनस में चला जाएगा. यह शंका काफी आम है, लेकिन इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
RBI के नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार यदि कोई ग्राहक अपने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता, तो बैंक उस खाते को माइनस में नहीं ले जा सकता. बैंक अधिकतम खाते को शून्य (Zero Balance) तक ही ला सकता है. लेकिन उससे नीचे नहीं.
बैंक को ग्राहक को देना होगा सूचना
RBI के नियम के अनुसार यदि किसी ग्राहक का खाता न्यूनतम बैलेंस से कम होता है, तो बैंक को पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही कितना जुर्माना लगेगा. इस बारे में भी पूर्व सूचना देना अनिवार्य है.
केवल जीरो तक सीमित रहेगा खाता, माइनस में नहीं जाएगा
मिनिमम बैलेंस न रखने पर, बैंक चार्ज लगाकर खाते को जीरो तक ला सकते हैं. लेकिन इससे अधिक कोई राशि माइनस नहीं कर सकते. अगर खाते में जुर्माना लगाने के बाद बैलेंस बहुत कम बचता है, तो भी खाता शून्य से नीचे नहीं जाएगा. हालांकि बैंक इस स्थिति में कुछ सेवाएं रोक सकता है.
खाता बंद करने पर नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज
अगर ग्राहक अपना खाता बंद करना चाहता है, तो बैंक किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं मांग सकता. साथ ही इस स्थिति में मिनिमम बैलेंस की भरपाई की मांग भी नहीं की जा सकती. अगर कोई ग्राहक अपने बचत खाते को बेसिक सेविंग अकाउंट में बदलना चाहता है, तो बैंक को ग्राहक की अनुमति लेना अनिवार्य है.
RBI ने लगाया बैंक पर जुर्माना
एक बैंक ने ग्राहकों के खाते माइनस में डाल दिए थे. जिस पर RBI ने कड़ी कार्रवाई की. इस मामले में बैंक पर 90 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया. RBI ने स्पष्ट किया कि मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर भी खाता माइनस नहीं किया जा सकता.