Registration Of Tractor Trolley: अब ट्रैक्टर और ट्रॉली का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है. बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रॉली को सड़कों पर नहीं चलाया जा सकेगा. यह निर्णय सरकार ने सड़क सुरक्षा और ट्रॉली मालिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए लिया है.
नई एसओपी में पंजीकरण और सुरक्षा मानकों की बात
शासन ने ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रेलर के पंजीकरण और निर्माण में सुरक्षा मानकों को शामिल करते हुए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP for tractor trolley registration) जारी की है. इसके तहत, सभी ट्रॉली और ट्रेलर पर चार अंकों का पंजीयन नंबर और 17 अंकों का चेसिस नंबर होना अनिवार्य होगा.
ट्रॉली और ट्रेलर के लिए तय हुए नए मानक
उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रॉली और ट्रेलर के लिए निम्न मानक (tractor trolley safety norms) तय किए हैं:
- आर-2, आर-3 और आर-4 मॉडल: प्रत्येक मॉडल में टायरों की संख्या और एक्सल की संख्या के आधार पर भिन्न मानक होंगे.
- चौड़ाई और ऊंचाई: ट्रॉली की अधिकतम चौड़ाई 2.5 मीटर और ऊंचाई 2.2 मीटर निर्धारित की गई है.
- सकल वाहन भार (GVW): ट्रॉली का सकल वाहन भार (gross vehicle weight standards) 6 से 12.56 टन तक हो सकता है.
ट्रेलर निर्माण और पंजीकरण के लिए विशेष निर्देश
स्थानीय रूप से निर्मित ट्रेलर (locally manufactured trailer guidelines) के लिए भी सख्त नियम तय किए गए हैं.
- प्रत्येक ट्रेलर पर 17 अंकों का चेसिस नंबर होना चाहिए.
- चेसिस नंबर में राज्य कोड, निर्माता कोड और निर्माण वर्ष जैसे विवरण शामिल होंगे.
- स्थानीय निर्मित ट्रेलरों की अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष होगी.
ट्रेलर निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करना
ट्रेलर निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कंफरमिटी ऑफ प्रोडक्शन (COP) को अनिवार्य कर दिया गया है. निर्माता को हर तीन साल में अपने ट्रेलर मॉडल की प्रमाणिकता (quality certification for trailer manufacturing) की जांच करानी होगी. इसके अलावा, संबंधित पंजीयन अधिकारी से व्यवसाय प्रमाण-पत्र लेना भी आवश्यक होगा.
सड़क सुरक्षा में सुधार की पहल
इस नई प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य सड़क पर सुरक्षा (road safety initiatives) को बढ़ाना है. बिना मानकों के चल रहे ट्रेलर और ट्रॉली से होने वाले दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी. साथ ही, इस पहल से सरकार का उद्देश्य हर वाहन की जिम्मेदारी तय करना है.
नई प्रक्रिया से होगा प्रशासनिक सुधार
ट्रैक्टर और ट्रॉली रजिस्ट्रेशन की यह नई व्यवस्था न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया (administrative process improvement) को भी सुव्यवस्थित करेगी. हर वाहन का रिकॉर्ड आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा और रजिस्ट्रेशन के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.