सेना से रिटायर अनिल कुमार ने प्राकृतिक खेती से की बंपर कमाई ,जानिए

कहते है की अगर मन में कुछ नया करने की जिद हो तो सब कुछ संभव है परम्परागत खेती को हर किसान कर सकता है लेकिन इस लीक से हटकर अगर कोई इंसान खेती करता है तो वह आदर्श किसान बन जाता है
हरियाणा के झज्जर जिले के ढ़ाणा गांव निवासी अनिल ने 16 सालों तक सेना में रहते हुए सीमा पर देश की रक्षा की जब वह सेना से रिटायर हुए तो अपने गांव आ गए उन्होंने खेती के तोर तरिके देखें उन्होंने देखा की अधिकांश किसान परम्परागत तरीकों से ही कहे कर रहे थे एक विशेषज्ञ ने अनिल को प्राकृतिक खेती करने की सलाह दी इस खेती से आज अनिल 5 लाख रूपये सालाना कमा रहे है इस खेती से अनिल को ज्यादा फायदा नजर नहीं आया तब उन्होंने फल और सब्जी की खेती करना शुरू कर दिया
अनिल ने सबसे पहले अपने खेतों के चारो तरफ फल और औषधीय पौधे उगने शुरू किए जब यह पेड़ बनकर तैयार हो गए तो इनसे फलों का उत्पादन होने लगा किसान अनिल ने बताया की प्राकृतिक खेती में खाद और बीज अपना खुद का ही होता है इससे लागत कम हो जाती है और फायदा बढ़ जाता है
हरियाणा के अनिल अपनी फसलों को गुरुग्राम में बेचता है यहां कुछ लोग लगातार उनसे जुड़ गए है अपनी जरूरत के अनुसार फल सब्जियां अनिल से खरीदते है इससे अनिल को अपनी फसल बेचने की चिंता नहीं रहती है जागरूक किसान अनिल को औषधीय पौधों से ज्यादा आय होती है अनिल ने खेती के अलावा कई पशुओं को पाल रखा है इन जानवरों को खेतों से तजा घास पत्तेदार सब्जियों की खरपतवार आदि को चारे के रूप में दिया जाता है
प्राकृतिक खेती से किसानों को अधिक आय के साथ ही कई तरह के फायदे मिलते है
इस तरह की खेती करने से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है
सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है रासायनिक खाद पर निर्भरता में कमी होने की वजह से लागतों में कमी आती है
फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है
फसल उत्पादन लागत में कमी एवं आय में वृद्धि होती है