रिटायरमेंट के बाद शुरू की बांस की खेती ,हो रही हे करोड़ों की कमाई जानिए

 
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बुंदेलखंड जिले में पानी की बड़ी परेशानी है सिंचाई की कमी के चलते यहां फसल अच्छी नहीं होती है जमीने बंजर पड़ी रहती है अगर किसी ने फसल लगा ली है तो उपज बहुत कम होती है कई फसल ऐसी भी जो कम बारिश वाले क्षेत्रों में लगाने से बंपर कामी देती है बांस की खेती करने वाले हमीरपुर जिले की मोहदा तहसील के भरसवा गांव के रहने वाले 62 वर्षीय प्रगतिशील किसान राज कुमार पांडेय ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 

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राज कुमार पांडेय आर्यावर्त बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बांस की खेती करना शुरू किया पानी की कमी के कारण उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ा राज कुमार पांडेय बताते है की मैंने MP से भी भीमा बांस कटिंग येलो टुंडला प्रजाति की पौध मंगाई थी बांस की इन प्रजाति के पौधे बहुत तेजी से विकास करते है 10 हेक्टेयर की लागत 10 लाख रूपये आई 4 साल बाद पहली कटाई में 1 करोड़ रूपये का फायदा हुआ  

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बांस की फसल को एक बार लगाने के बाद लगातार 40 साल तक मुनाफा हासिल कर सकते है हर कटाई के बाद इसके पेड़ अपने आप विकसित होते रहते है बाजार में इसकी अगरबत्ती बनाने के साथ अन्य कई बड़ी बड़ी कंपनियां खेत में बांस ले जाती और शानदार पैसे देती है 
राज कुमार पांडे बताते है की हमारे खेत में पहले 150 फ़ीट पर पानी निकलता था बांस की खेती शुरू करने के बाद जलस्तर में सुधर आया है छोटे हैंडपंप पानी देना बंद कर चुके है अब मेरे खेत के आसपास उससे काफी वृद्धि हुई है और जल में पफी परिवर्तन हुआ है साथ ही पर्यावरण को भी काफी फायदा हुआ है