इस मौसम में किसी वरदान से कम नहीं है रंगीन फूलगोभी की खेती ,जानिए रंगीन फूलगोभी की खेती का सही तरीका

खेती किसानी बदलावों के दौर से गुजर रही है नई टेक्नीक खेती के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इसी कड़ी में किसान इन दिनों रंगीन फूलगोभी की खेती से बंपर कमाई कर रहे है कई लोग यह बात जानकर हैरान होंगे की फूलगोभी रंगीन होती है लेकिन देश के कई हिस्सों में पिली और बैंगनी फूलगोभी की खेती हो रही है यह गोभी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है
सामान्य फूलगोभी की तरह इसकी खेती के लिए ठंडी और नमि वाली जलवायु अच्छी मानी जाती है तापमान 20 -25 डिग्री सेल्सियस होना बहुत आवश्यक होता है मिटटी का PH मान 5 .5 से 6 .6 के बीच होना चाहिए उचित जलनिकासी वाले खेतों का चुनाव करना चाहिए
इसकी बुवाई नर्सरी विधि से की जाती है एक हेक्टेयर के लिए 200 से 300 ग्राम बीज की जरूरत होती है नर्सरी में बीज लगाने के बाद जब पौधे 4 से 5 सप्ताह के हो जाएं तो उन्हें खेतों में लगा दें रंगीन फूलगोभी की खेती के लिए सितंबर से अक्टूबर का महीना सबसे अच्छा होता है
फसल की अच्छी पैदावार के लिए खाद की सही मात्रा डालना जरुरी है गोबर की सड़ी हुई खाद को मिटटी में मिला सकते है यह फसल के विकास में बहुत सहायक साबित होगी इसके अलावा मिटटी की जाँच भी करा सकते है जाँच कराने से मिटटी में किन पोषक तत्वों की कमी का पता लग जाता है फिर उस अनुसार आप इसके खेती बेहतर तरिके से करने की योजना बना सकते है
पौधों की रोपाई के बाद 100 -110 दिनों बाद फसल काटने के लिए तैयार हो जाती है 1 हेक्टेयर से औसतन 200 से 300 क्विंटल गोभी की फसल प्राप्त होती है रंगीन फूलगोभी की मार्केट में अच्छी कीमत मिलती है जिससे किसानों को अधिक फायदा होता है