बारिश में देरी से खरीफ फसल की बुवाई को लेकर परेशान हुए किसान ,अब तरह -तरह के अपना रहे है जुगाड़

 
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महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में किसान बारिश का इंतजार कर रहे है इस साल मौसम विभाग के अनुसार किसानों ने खरीफ पूर्व जुताई पूरी करने के बाद बारिश का इंतजार कर रहे थे लेकिन मराठवाड़ा में अब तक बारिश नहीं हुई है कृषि विभाग लगातार किसानों से अपील कर रहा है की किसान बुवाई के लिए जल्दबाजी ना करें मराठवाड़ा के कुछ जिलों में हल्की बारिश हुई थी लेकिन उसमें बुवाई जुताई नहीं की जा सकती है फिर भी किसानों ने खेती की बुवाई शुरू कर दी मराठवाड़ा में सोयाबीन की फसल प्रमुख फसल मानी जाती है लेकिन इस बार किसान कपास की भी बड़े पैमाने पर बुवाई कर रहे है जिन किसान बुवाई कर दी है वो बारिश का इंतजार कर रहे है कृषि विभाग का कहना है की अगर समय पर बारिश हुई तो ठीक नहीं तो किसानों को दुबारा बुवाई करनी पड़ सकती है 

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बुवाई कर चुके किसान फसल को बचाने के लिए कई तरिके अपना रहे है कुछ जिलों में किसान खुद से ही बाल्टी भर -भर कर बुवाई की गई फसल को पानी दे रहे है किसानों का कहना है की मराठवाड़ा में 20 जून से बारिश का अनुमान था ऐसे में हम बाल्टी से पानी दे रहे है टस्की फसल खराब न हो और हमें दोबारा बुवाई की नौबत न आए 
मराठवाड़ा में बारिश नहीं हो रही है है किसान खुद से पानी का जुगाड़ कर बुवाई की बात कर रहे है हिंगोली परभणी और नांदेड़ जिले इसमें सबसे आगे है किअं बुवाई के जुगाड़ में लग गई है कुछ जिलों में किसान बोतल से फुहार जैसा बना के बुवाई किए हुए बीज में पानी दे रहे है किसान देसी जुगाड़ तब तक अपना रहे है जब तक बारिश न हो और खेत की मिटटी पर्याप्त नम नहीं रहती है किसानों का कहना है की बुवाई के तुरंत बाद बारिश नहीं हुई है तो हमें फिर से बुवाई करनी होगी और हमारी लागत बढ़ती जाएगी कुछ किसानों ने तो जोखिम उठाकर बुवाई की है अगर अब बारिश नहीं हुई तो किसानों को भारी मुकसान होगा 

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मराठवाड़ा क्षेत्र के केवल 3 जिलों में बारिश हुई है लेकिन यह बुवाई के हिसाब से पर्याप्त नहीं है कृषि विभाग का कहना है की 75 मिमी से 100 मिमी बारिश के बाद बुवाई शुरू करनी चाहिए वहीं मराठवाड़ा के लातूर उस्मानाबाद और बीड जिले के कुछ हिस्सों में अभी तक बारिश नहीं हुई है जून के अंतिम सप्ताह में जहां फसलें उगने लगती है वहां अब तक बुवाई नहीं हो पाई है ऐसे में किसान चिंतित है