पिता का सपना था बेटा IAS बने लेकिन बेटे ने किसान बन कमाया नाम सालाना कमा रहे है 80 लाख रूपये

 
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देश में किसानों की हालत में अब भी कोई खास सकारात्मक बदलाव नहीं दिखाए दिए है देश के तमाम हिस्सों में परम्परागत खेती को ही अपना व्यवसाय बना लेते है जबकि सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं उनके लिए कठिनाई खड़ी करती ही रहती है फिर भी किसान हार नहीं मानता है और अपनी खेती को उपजाऊ बनाने के लिए हर संभव कोशिश करता है इन सबको देखते हुए बिहार के एक किसान ने खेती को लेकर अपने नजरिये और कोशिशों से देश भर के अन्य किसानों के लिए उन्नति की दिशा में एक मिसाल पैदा कर दी है 

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सुधांशु कुमार जो बिहार के मस्तीपुर स्थित नयानगर गांव के निवासी है आज सुधांशु 70 बीघे जमीन पर आधुनिक खेती कर हर साल 80 लाख रुपए से अधिक कमाई कर लोगों के प्रेरणा का स्त्रोत बन गए है सुधांशु के इस फैसले से उनके नाराज पिता ने 5 एकड़ बंजर जमीन दे दी थी लेकिन सुधांशु ने वैज्ञानिक टेक्निक के द्वारा जल्द ही जमीन के उस टुकड़े को खेती करने के लायक उपजाऊ जमीन में बदलकर उस खेत की किस्मत ही बदल दी 
सुधांशु का मानना है की हर किसान को बागवानी की जानकारी एकत्रित करनी चाहिए उनका मानना है की किसान की जमीन का कम से कम एक तिहाई भाग बागवानी के लिए होना चाहिए जो उनकी आय बढ़ाने में उनकी सहायता करता है किसानों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा उठाना चाहिए और खेती के लिए तकनीकी का उपयोग करना चाहिए 
सुधांशु  अपनी खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन और माइक्रो स्प्रिंकल टेक्नीक का इस्तेमाल करते है इस टेक्नीक की सहायता से सुधांशु अपनी लीची के बागवान का तापमान एक समान रख पाने में सफल साबित हो सके है 
खेत की निगरानी और खेत में खाद व अन्य जरूरत को नजर अंदाज किये बिना सुधांशु ने अपने खेत के हर हिस्सों को वायरलेस इंटरनेट ब्रांडबैंड के द्वारा जोड़ा हुआ है जिससे वे एक ही स्थान पर बैठ कर अपने पुरे खेत की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रख सकते है 

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हर साल 80 लाख रूपये की कमाई करने वाले सुधांशु कुमार के अनुसार बड़ी कमाई के रूप में उन्हें आम से 13 लाख रूपये लीची से 22 लाख रूपये की कमाई मिल रही है इसी साल छठ पूजा से पहले उन्होंने केले की बिक्री कर 35 लाख रूपये की कमाई कर अपना रिकॉर्ड बनाया है फलों से होने वाली भरपूर कमाई के साथ सुधांशु खास कड़कनाथ’ मुर्गे का भी पालन करने में पीछे नहीं है 
खेत में खोले गए पोल्ट्री फार्म में सुधांशु ने इस प्रजाति के 500 चूजों के साथ अपना व्यवसाय शुरू किया है इसी के साथ वे तमाम नस्ल की गायों के साथ अब डेयरी लेकर भी आगे बढ़ने की और अग्रसर हो रहे है