किसान-पशुपालकों के लिए आई अच्छी खबर, अब पशुओं के दूध के साथ साथ गोबर बेचकर भी कमा सकते है अच्छा मुनाफा

भारत में पशुपालन का निरंतर विस्तार हो रहा है। दूध की बढ़ती हुई मांग ने पशुओ की अहमियत को बढ़ा दिया है। इन पशुओं से दूध के साथ साथ गोबर का भी उत्पादन होता है। जिससे जैव इंधन के साथ साथ जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अभी तक किसान सिर्फ पशुओं का दूध बेचकर पैसे कमाया करते थे। लेकिन अब गोबर बेचकर भी पैसा कमा सकते हैं। जल्दी ही हरियाणा दूध के साथ साथ गोबर की भी मांग करेगी। इस गोबर का इस्तेमाल के इंजन से लेकर जैविक खाद के रूप में किया जाएगा। इसके लिए वीटा डेयरी के सीईओ ने हर दिन 40 टन गोबर खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
बायो सीएनजी की बढ़ रही है डिमांड
गोबर से बायो सीएनजी बनाने के अपने इस प्लान पर हरियाणा डेयरी फेडरेशन का मानना है कि पैट्रोलियम सीएनजी की तुलना में बायो सीएनजी ज्यादा अच्छी होती है। इसका एक प्लांट गुजरात के बनासकांठा में भी चल रहा है। जबकि हरियाणा के नारनौल में एक ऐसा ही प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है।
वीटा डेयरी के सीईओ चरण सिंह का कहना है कि जमीन आदि की फॉर्मेलिटी पूरा करने के बाद नारनौल प्रशासन की ओर से फेडरेशन को फाइल सौंप दी गई ह। गोबर बेचकर जहां पशुपालकों को डबल मुनाफा होगा। वही किसानों को भी केमिकल मुक्त खाद्य मिलेगी।
दूध की तरह ही होगा गोबर का भुगतान
नारनौल प्लांट के लिए गोबर की खरीद डेयरी फेडरेशन ही करेगी यह ठीक वैसे ही होगा। जैसे किसान रोजाना दूध बेचते हैं। लेकिन जो डेयरी दूध नहीं बेचती। वहां किसानों से गोबर भी खरीदा जाएगा और दूध की तरह हर 1 किलो गोबर के लिए भुगतान मिलेगा। हालांकि अभी तक गोबर का रेट तय नहीं हुआ। लेकिन 1 पॉइंट 5 से ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदने का अनुमान है।
अच्छी बात तो यह है कि गोबर से बनी बायो डीएपी भी उन्हीं किसानों को दी जाएगी जो फेडरेशन को पशुपालकों पर खेती के लिए बायो डीएपी की बुकिंग करवा सकते हैं। यह बायो डीएपी बाजार में ₹50 किलो के भाव से बिकती है। लेकिन गुजरात के बनासकांठा प्लांट में 25 रूपये प्रति किलो के हिसाब से इस डीएपी को खरीदा जा सकता है।
बनासकांठा प्लांट से मिली इंस्पिरेशन
हरियाणा डेयरी फेडरेशन के CEO चरण सिंह का कहना है कि नारनौल से पहले गुजरात के बनासकांठा में एक ऐसा ही प्लांट चल रहा है जिसका दौरा फेडरेशन की एक टीम ने किया है। बनासकांठा प्लांट की समीक्षा के बाद हरियाणा डेयरी फेडरेशन ने नारनौल में ठीक इसी तरह का प्लांट लगाने की चर्चा की है। जिसमें बायो डीएपी के साथ-साथ 800 किलो बायो सीएनजी का प्रोडक्शन भी किया जाएगा।
इस बायो सीएनजी को नारनौल के सीएनजी पंप स्टेशन पर बेचा जा सकता है। खेतों में छिड़काव के लिए इसी प्लांट से रोजाना 4 से 5000 लीटर लिक्विड bio-fertilizer निकलेगा। जिससे बिना किसी नुकसान के जमीन की उपजाऊ शक्ति बेहतर होगी। also read : बेहद काम की है ये डंठल ! सरसो की तुड़ी को बेच मिले 1 करोड़ से टोक के किसानो ने बनवाए दो मंदिर