जानिए मिटटी को कैसे बनाए उपजाऊ

 
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कहा जाता है की धरती हमारी माता है क्योंकि इसी धरती पर हम अपनी लाइफ बिताते है इस धरती से हमें अन्न और जल मिलता है इसी धरती के खेत बनाकर सब्जियां अनाज दालें फूल फल आदि मिलते है तो ऐसे में आज हम आपको बताएंगे की खेती की मिटटी को उपजाऊ बनाने के कौन -कौन से तरीके है 

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खेत की जमीन को कैसे उपजाऊ बनाए 
मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए हरी खाद का उपयोग 
हरि खाद के लिए ढैंचा की फसल 
खेत की मिटटी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाने रखने के लिए बारिश के मौसम में ढैंचा की फसल की बुवाई करें बुवाई करने के लगभग 40 से 45 दिन के बाद जब पौधे थोड़े बड़े हो जाए तब पौधों की बीच में से हंसुआ की सहायता से कटाई कर दें उसके बाद खेत में रोटा वेटर की सहायता से जुताई करें खेत की जुताई करने के बाद उस खेत की अच्छी तरह से मेड बंदी करके उसमें पानी भर दें और प्रति एकड़ में 80 किलो यूरिया डाल दे यूरिया डालने से हरी खाद जल्दी और अच्छी तरह से गलती सड़ती  है 
सनई का इस्तेमाल 
मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए ढैंचा की तरह सनई भी हरी खाद खेत के लिए अच्छी मानी जाती है जून के समय खाली परती खेत में सनई की बुवाई कर देना चाहिए उसके 30 से 35 दिन बाद रोटावेटर से जुताई करें फिर उसमें यूरिया की टापड्रेसिंग करके पानी भर देना चाहिए 
फसलों एवं सब्जियों के बचे अवशेषों की खेतों में जुताई 
पहले के समय में जब रोटावेटर नहीं था उस समय लोग सब्जियों फूलों और बहुत से अनाज वाली फसलों की पूरी कटाई और तुड़ाई करने के बाद खेत ही जला दिया करते थे लेकिन खेतों में फसलों के बचे हुए अवशेष को इस तरह से जलाने से खेत की उपजाऊपन  खत्म हो जाता है इसलिए किसानों को फसलों को बचे हुए अवशेष को रोटावेटर की सहायता से खेत में हु जुताई कर देनी चाहिए 
खेत की मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए देशी खाद का प्रयोग 

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गोबर की खाद का उपयोग 
खेत की मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए गाय भैंस बेल के गोबर को किसी स्थान पर 3 फ़ीटगड्ढे की खुदाई करके इकट्ठा कर लेना चाहिए और उसमें समय -समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए यह 4 से 5 महीने बाद सड़कर तैयार हो जाता है तब इसे खाली खेत में डालकर मिटटी पलटने वाले हल से खेत की जुताई कर देनी चाहिए 
मुर्गियों की खाद 
आज के समय में किसान मुर्गी फार्म से मुर्गी निकलने के बाद फार्म में बचे मल मूत्र को देशी खाद के रूप में इस्तेमाल कर रहे है फार्म से तुरंत निकला गया खाद कच्चा होता है कच्ची खाद खेत में डालने से दीमक और मिटटी में रहने वाले कीड़ों क संभावना बढ़ जाती है मुर्गियों के खाद को लगभग 6 महीने तक अच्छी तरह सड़कर तैयार हो जाने दें इसके बाद ही खेत में इस्तेमाल करना चाहिए 
बकरी और भेद की खाद 
खेत को उपजाऊ बनाने के लिए भेद और बकरी के खादों का भी खेत में इस्तेमाल किया जाता है गांवों में रहने वाले लोगों रात के समय भेद बकरियों के झुण्ड को अपने खेत में रखते है इनके मल मूत्र को देशी खाद के रूप में इस्तेमाल करते है 
नीम की खली 
नीम की खाली भी पौधों के लिए काफी काम करती है मिटटी में नीक की खली डालने से मिटटी अधिक उपजाऊ बन जाती है साथ ही मिटटी  में रहने वाले कीड़े भी मर जाते है