गहन खेती की सहायता से जानिए कम भूमि और कम पानी में कई फसलें उगने की उन्नत टेक्नीक

 
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गहन खेती जिसे सघन खेती भी कहा जाता है इस तकनीक को अपनाकर कम भूमि के साथ -साथ कम पानी में कई फसलों की पैदावार प्राप्त कर सकते है वर्तमान समय में कई किसान इस टेक्नीक की तरफ बढ़ रहे है क्योंकि इसमें कम जमीन के साथ कम पानी की जरूरत होती है 

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इसलिए किसानों के लिए यह टेक्नीक काफी सफल साबित हो रही है सघन खेती से किसानों की आय में वृद्धि होती है साथ ही पैदावार भी अच्छी प्राप्त होती है आज हम आपको इस खेती के बारे में तथा इससे होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे 

गहन खेती के लाभ 

इस टेक्नीक से किसान कम भूमि पर अधिक फसल प्राप्त कर सकते है 
इस खेती का सबसे बड़ा लाभ यह है की इसमें खरपतवार होने की कोई संभावना नहीं होती है 
इस खेती के दौरान सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं होती है 
इस विधि द्वारा फसलों की खेती करने से कुछ फसलें आपस में एक -दूसरे को लाभ पहुंचाते है 
इस विधि से खेती करने से पौधे का आकर छोटा होता है जिसके कारण फसल उत्पादन का समय कम होता है और जल्दी फल देना शुरू हो जाता है 
इसका आकर छोटा होने पर फसल में कटाई छंटाई के कामों में आसानी रहती है 
सघन खेती में पौधों की जड़ें अधिक गहराई में जाती है जिससे प्रकाश श्लेषण की प्रक्रिया भी अच्छी हो जाती है 

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जरुरी बातें 

सघन खेती की विधि के दौरान छोटी किस्म के पौधों को लगाना चाहिए जिससे कम जगह पर ज्यादा पौधे लगाए जा सकें एवं खेती का अधिक से अधिक उपयोग भी हो सकें 
फल वृक्षों की अच्छी वृद्धि होनी चाहिए जिसमे दूसरे पौधे फलों को फैलने की जगह मिल सकें 
पौधों की वृद्धि रोकने के लिए रोधक हार्मोन का उपयोग करना चाहिए 
समय रहते ही पौधें की टहनियों की कटाई छंटाई करते रहे ताकि पेड़ों का आकर ज्यादा न बढ़े
10 से 12 साल बाद अगर सघन खेती में एक -दूसरे पेड़ों की टहनियां तथा जड़ आपस में उलझने लगे तो बीच में पेड़ों की कोई एक लाइन काट दें