राजस्थान के किसान ने 1 लीटर पानी से उगाया पूरा पेड़ ,जानिए किस तकनीक का किया इस्तेमाल

 
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खेती में हर दिन किसानों के जुगाड़ और तकनीक की खबरें सामने आती रहती है कभी यह जुताई करने के लिए घोड़े और बैल की जोड़ी बना देते है तो कभी कटाई करने के लिए देशी मशीन बना देते है ऐसे में राजस्थान के सुंदरम वर्मा नामक किसान ने मात्र 1 लीटर पानी में पूरा पेड़ उगाया है 

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फेमस  पर्यावरणविद् और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुंदरम वर्मा ने कृषि जागरण से अपनी क्रांतिकारी टेक्नीक के बारे में बात की जिसे ड्राई लैंड फार्मिंग कहा जाता है वर्मा राजस्थान के सीकर में दंता नामक गांव के रहने वाले है इन्होने ये एक्सपेरिमेंट और खोज अपने आगे आने वाली परेशानियों से किया है क्योकि राजस्थान जैसे क्षेत्रों में पानी की कमी है 
1982 तक वर्मा की पहचान राज्य के प्रसिद्ध युवा किसानों में हो चुकी थी उनकी  शिक्षा ने भी उन्हें अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने में सहायता की उन्हें नई दिल्ली में एक सम्मानित प्रक्षिशण पाठ्यक्रम के लिए चुना गया जहां उन्होंने शुष्क भूमि खेती सीखी थी इस टेक्नीक का उपयोग मानसून के पानी को बाद में सर्दियों में खेती के लिए उपयोग किया जाता है वर्मा ने कई सफल प्रयोग किए है 
वर्मा अब राजस्थान में 50000 से अधिक पेड़ लगा चुके है प्रतिष्ठ पुरुस्कार मिलने के बाद उन्हें अन्य किसानों के साथ सहयोग  करने और उन्हें पेड़ उगने की अपनी तकनीक सीखने के लिए कई प्रस्ताव मिले वर्मा के नाम कई सम्मान है उन्हें द इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च  कनाडा इंटरनेशनल क्रॉप साइंस नई दिल्ली और अन्य कई अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रिय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है 
वर्मा शुष्क खेती पर ध्यान दे रहे है शुष्क खेती का आशय बिना सिंचाई के पूरी तरह से प्राकृतिक वर्षा के तहत फसलों की खेती करना है शुष्क क्षेत्रों में कम और अनियमित वर्षा होती है और सिंचाई की कोई सुनिश्चित सुविधा नहीं होती शुष्क भूमि पर खेती करना कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है शुष्क क्षेत्रों में 500 से 1100 मिमी के बीच ही पुरे सालभर वर्षा होती है 

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शुष्क भूमि में खेती करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान 
हमें उच्च उपज देने वाली और सूखा प्रतिरोधी फसल किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता है 
मिटटी और जल संसाधनों का संरक्षण करने के लिए सबसे बेहतर टेक्नीक है 
कम लागत और स्थानीय रूप से अनुकूल कृषि उपकरण की जरूरत है 
फसलों को कवर करने के लिए अच्छी मार्केटिंग और मूल्य निति की जरूरत है 
भारत में शुष्क भूमि की खेती की समस्याएं 
उपज की गुणवत्ता 
सिमित फसलों का चुनाव 
नमि का दवाब और अनिश्चित वर्षा 
वर्षा जल का प्रभावी भंडारण 
शुष्क भूमि कृषि टेक्नीक 
मुख्य रूप से संग्रहित मिटटी के संरक्षण सहित समय पर तैयारी और बीज बोन का कार्य करना चाहिए 
उन्नत फसलों की किस्मों का इस्तेमाल करना चाहिए जो तनाव का सामना कर सकें मिटटी में नमि संरक्षण  के लिए गहरी जुताई और स्टबल मंचिंग का प्रैक्टिस किया जाना चाहिए 
वर्षा सतह और भूजल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए इसके साथ ही शुष्क अवधि में इस्तेमाल के लिए जल संचयन की प्रक्रिया काफी कारगर है ऐसे में वाटर शेड एक प्राकृतिक जल विज्ञान इकाई है जो जल संचयन के ले उत्कृष्ट है पानी बचने के लिए न केवल ड्रिप सिंचाई की टेक्नीक और पानी के नुकसान को कम करने के लिए कई नहरों की लाइनिंग का इस्तेमाल करना चाहिए