वैज्ञानिकों ने खोजी धान की एक ऐसी किस्म जिसमे कम होती है पानी की जरूरत,अब पानी और बिजली बचाकर करे धान की खेती

किसानों की एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। किसान खेती कर लाखों रुपए का मुनाफा कमाते हैं। फसल का पानी से गहरा नाता होता है बिना बिना सिंचाई के फसल की कल्पना भी मुश्किल होती है। लेकिन देश के किसानों के सामने कई बार सिंचाई का संकट खड़ा हो जाता है। सूखा पड़ने, बिजली ना आने, इंजन का महंगा होने की वजह से किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे किसानों के लिए वैज्ञानिक लगातार नई प्रजातियां खोजने में लगे है। जिन्हें कम मात्रा में पानी की जरूरत होती है और वैज्ञानिकों ने धान की एक ऐसी ही प्रजाति विकसित की हैं।
धान की दक्ष प्रजाति हुई विकसित
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने धान की दक्ष प्रजाति विकसित की है। जीकेवीके केंपस बेंगलुरू के प्रोफेसर एमएस शेशायी का कहना है कि दक्ष प्रजाति एरोबिक राइस वैरायटी है। इसमें पानी करीब आधा लगता है। फसल का उत्पादन प्रभावित नहीं होता इसे किसानों के सामने काफी हद तक पानी का संकट नहीं रहता है।
कर्नाटक में एक हजार करोड़ एकड़ एरिया में बोई जा रही ये फ़सल
उत्तर भारत को छोड़ दिया जाए तो देश के अधिकांश हिस्सों में इस किस्म को बोया और खाया जाता है। देश की 60% आबादी चावल पर निर्भर है। मोटे अनाजों की बात की जाए तो यह एक साइड अनाज हो जाता है। लेकिन इसमें मुख्य रूप से खाने में शामिल नहीं किया जा सकता है। 1 किलो चावल पैदा करने के लिए 4 से 5000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए में धान की प्रजाति को लेकर रिसर्च चल रहा है। अब नई प्रजाति दक्ष के रूप में सामने आई है। कर्नाटक के एक हजार एकड़ में इस धान की खेती की जा रही हैं।
पंजाब, हरियाणा में भी बोई जाती हैं ये किस्म
प्रोफेसर शेशायी का कहना है कि मोटे अनाजों को 10% तक पानी की जरूरत होती है लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं होता इसलिए जरूरी है। कि धान की फसल को तरीके से ट्रेंड किया जाए जैसे तो है अपना व्यवहार बदल ले। इसके बीज को थोड़ा गहराई में लगाना होता है. यह फसल उन क्षेत्रों में भी बोई जा सकती है। जहां कम पानी जरूरत होती है। बिल्डिंग टेक्नोलॉजी से बनने वाली स्थिति में 50 सीसी पानी की जरूरत होती है। 1 किलो चावल पैदा करने के लिए 4000 लीटर पानी की जरूरत होती है। यह 2000 लीटर में ही हो जाता है। पंजाब हरियाणा के लिए इस किस्म का ट्रायल कर इन राज्यों के अनुसार डेवलप किया जा रहा है।
क्या है एरोबिक विधि
एरोबिक विधि धान की खेती करने की एक विधि है। इसमें न तो खेत में पानी भरना पड़ता है और ना ही रोपाई करनी पड़ती है इस विधि से बुवाई करने के लिए बीच में एक लाइन में बोया जाता है। बुवाई के लिए कम पानी की जरूरत होती है। also read ; किसानों के साथ साथ अब जेल के कैदियों ने सीजनल सब्जियां उगाकर बढ़ाई आमदनी, दूसरी जेलों में की जा रही सफ्लाई