कम खर्च में शुरू करें लोकी की खेती होंगी लाखों की कमाई

 
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लोकी की सब्जी को सभी कद्दूवर्गीय सब्जियों में प्रमुख माना जाता है लोकी दो प्रकार ही होती है एक तो गोल और दूसरी लंबी लोकी का उपयोग सब्जी के अलावा रायता ,हलवा बनने में किया जाता है इसकी पत्तियों तने व जुड़े से अनेक प्रकार की ओषधियां बनाई जाती है लोकी हर सीजन में मिलने वाली सब्जी है किसान भाई इसकी खेती साल में 3 बार कर सकते है इसकी खेती से कम खर्च पर अधिक मुनाफा कमा सकते है 

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आम तौर पर लोग लोकी को खाना बहुत कम पसंद करते है लेकिन लोकी की सब्जी बहुत लाभकारी होती है इसके सेवन से कई तरह की बिमारियों से राहत मिलती है लोकी में कई तरह की विटामिन प्रोटीन और लवण पाए जाते है लोकी में विटामिन A ,C कैल्शियम आयरन पोटेशियम जिनक पाया जाता है यह पोषक तत्व बॉडी की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते है 


लोकी के फायदे 


वजन कम करने में फायदेमंद 
नींद न आने की बीमारी को कम करता है बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकना 
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए लोकी बहुत लाभकारी है 
डाइजेशन में लाभकारी है 
स्किन के लिए लाभकारी है 


लोकी की खेती 


लोकी की खेती किसी भी क्षेत्र में आसानी से की जा सकती है इसकी खेती उचित जल निकासी वाली जगह पर किसी भी तरह की भूमि में की जा सकती है लेकिन उचित जल धारण क्षमता वाली जीवष्य हल्की दोमट भूमि इसकी सफल खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है लोकी की खेती में भूमि का PH मान 6 से 7 होना चाहिए 
लोकी की खेती के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है इसकी बुवाई गर्मी और वर्षा के समय की जाती है यह पाले को सहन करने में बिलकुल असमर्थ होती है इसकी अलग -अलग मौसम के असनुसार अलग -अलग स्थानों पर की जाती है शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्रों में इसकी पैदावार अच्छी होती है लोकी के लिए 30 डिग्री तापमान अच्छा होता है 


पौधे को कैसे तैयार करें 

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लोकी की जल्दी और अधिक पैदावार के लिए नरसरी में तैयार करके लगा सकते है पौधे को खेत में रोपाई से लगभग 20 से 25 दिन में तैयार किया जा सकता है इसके लिए आप तैयार खेत में एक तरफ इसकी नर्सरी तैयार करे इसकी नर्सरीतैयार करने के लिए पहले आप जो मिटटी लेते है उसमें 50 % कंपोस्ट खाद और 50 % मिटटी का प्रयोग करें खाद और मिटटी से का अच्छे से मिश्रण तैयार करने के बाद क्यारियों का निर्माण करें अब इनमें लोकी के बेज की बुवाई कर दें और H। लकी सिचाई करें 
लोकी की खेती की सिंचाई उसकी फसल की ऋतू पर निर्भर करती है आगा आप इसकी खेती जायद सीजन में करते है तो पहली सिंचाई रोपाई से पहले होगी इसके बाद 4 से 5 दिन के जनरल में होगी लोकी की खरीफ ऋतू में सिंचाई की जरूरत नहीं होती है अधिक वर्षा की स्थिति में पानी की निकासी के लिए नालिया बड़ी होनी चाहिए रबी सीजन की फसल के लिए भी सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं होती है 
लोकी की खेती के लिए सही ूर्वक मात्रा के लिए मिटटी परीक्षण के आधार पर इसकी खेती में उवर्रक की सही मात्रा तय करें इसकी खेती से पहले खेत को तैयार करते समय प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 से 250 क्विंटलपुराणी गोबर की खाद को अच्छे से मिटटी में मिला देना चाहिए इसके बाद रासायनिक खाद के लिए 50 किलोग्राम नाइट्रोजन ,35 किलोग्राम फास्फोरस और 30 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप में दे सकते है 
इसके बीजों की खेत में रोपाई के लगभग 50 से 55 दिनों के बाद इसकी फसल पैदावार देना शुरू कर देती है जब इसके फल सही आकर और गहरे हरे रंग से ठीक थक प्रकार का दिखने लगे तब उनकी तुड़ाई शुरू कर दें फलों की तुड़ाई डंठल के साथ करना चाहिए इसका फल कुछ समय तक ताजा बना रह सकता है फलों को तुड़ाई के बाद पैक कर मार्किट में भेजा जाना चाहिए लोकी की खेती से एक एकड़ में 15 से 20 हजार की लागत आती है बाजार में अच्छे भाव मिलने के कारण 80 हजार से 1 लाख तक मुनाफा कमाया जा सकता है