भारत के किसानो ने इतने साल में रिकॉर्ड फसल उपजाई ,खाद्यान पैदावार में इतना गुना आया उछाल

 
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भारत में हरित क्रांति की बदौलत खाद्पत्र उपज में तीन गुना वृद्धि हुई है। खबरों के अनुसार 1960 के दशक में शुर्रू हुई हरित क्रांत्रि की मदद से गत 61 साल में भारत की प्रति हेक्टर उपज बढ़कर 2.39 टन हो गया था। केंद्र ने हाल ही में एक डेटा चार्ज कर बताया की खाधापत्र का प्रति हेक्टर उत्पादन 1960 के दशक के मध्य में 757 किलोग्राम थी। साल 2021 में प्रति हेक्टेयर खाद्पत्र उत्पादन 2.39 टन हो गया है 

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भारत में हरित क्रांत्रि की बदौलत खाद्पत्र उपज में तीन गुना वृद्धि हुई है। खबरों के अनुसार 1960 के दशक में शुरू हुई हरित क्रांति की मदद से गत 61 साल में भारत की प्रति हेक्येटर उपज बढ़कर 2.39 टन हो गया है। केंद्र में मगलवार को एक डेटा चार्ज जारी कर बताया की खाद्पत्र का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 1960 के दशक में मध्य में 757 किलोग्राम थी। साल 2021 में प्रति हेक्येटर खाद्पत्र उत्पादक 2.39 टन हो गया है सरकार ने बताया की 2021 -22 e उत्पादन पिछले पांच सालो के औसत उत्पादन की तुलना में 25 मिलियन टन से ज्यादा होने का अनुमान है। धन,मक्का,चना,सरसो,गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है।वही खबरों के अनुसार कृषि मंत्रालय ने बताया की चावल का कुल उत्पादन 130.29 मिलियन टन होने की संभावना है। 

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खरीफ सीजन में खाद्पत्र उत्पादन के बारे में अनुमान को उत्पादन कम होने की आशंका भीजतै है।आकड़ो के मुताबित धन की खेती का रकबा पिछले सीजन की तुलना में 8 प्रतिष्ठ कम है। इस सीजन में 343.7 लाख हज्येतर कम जमीन पर धन की बुआई है। वही खबरों एक अनुसार भारत में किसानो ने इस खरीफ सीजन में कम धान की बुवाई की है। खरीफ की फसले ज्यादातर मानसून जून और जुलाई के समय बोई जाती है। फसलों की कटाई अक्टूबर और नवंबर में होती है। बुवाई क्षेत्र में गिरावट का प्राथमिक कारन जून के महीने में मानसून की कमी और देश के कई हिस्सों में जुलाई में बारिश की कमी होना रहा है।